संजय छाजेड़
धमतरी 2 अक्टूबर। जल जगार की धूम चहुंओर देखी जा रही है। इसे लेकर व्यापक पैमाने पर तैयारियां भी की जा रही है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित अनेक अतिथियो के आगमन को लेकर भारी-भरकम चंदा वसूली किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस कार्यक्रम में जिले के लोगो में कोई रूचि दिखती नजर नही आ रही है। इनका कहना है कि समूचे जिले की सडक़ जर्जर हो चुकी है जिससे उठने वाली धूल लोगो की आंखो में खराबी पैदा कर रही है। स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ रहा है। अब इस जल जगार में लगे अधिकारियों को इतनी भी फुर्सत नहीं है कि जिलेवासियों को राहत पहुंचाये। यही नही जिले में जल जगार के नाम पर की जा रही चंदा उगाही की गूंज राजधानी की सडक़ो के चौक चौराहो पर चर्चित है। कुछ पीडि़तों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम लोग सरकार को सभी तरह का टेक्स देते हैं, बावजूद इसके शासकीय कार्यक्रमों के लिये भी हमसे चंदा लिया जाना कहां तक उचित है।
पूर्ववर्ती सरकार के समय अधिकारीवाद चल पडा था जिसके कारण इसका पतन हुआ। अब जिले में जिस प्रकार जल-जगार उत्सव के नाम पर व्यापारियो से राईस मिलरो व अन्य लोगो से चंदा वसूली की गई है, उसे लेकर शहर में खासी नाराजगी देखी जा रही है कुछ लोगो ने कहा कि सरकर ने जब इस कार्यक्रम के लिए राशि आबंटित की है तो ऐसे तुगलकी आदेश निकालकर व्यापारियों से क्यों चंदा लिया जा रहा है। खबर है कि इसके लिए अधिकारी, कर्मचारी अधिकृत कर दिये गये है। वे अपने स्तर पर चंदा वसूली कर राशि जमा करा रहे है। जल जगार महोत्सव को लेकर पिछले लंबे समय से व्यवस्थाएं की जा रही है जलमेव जीवनं जलं जीवनस्य मूलम, जल ही जीवन है जल ही जीवन का मूल है, जैसे नारो के साथ इस 5 एवं 6 अक्टूबर को होने वाले महोत्सव आयोजित की गई है जिसमें हाफ मैराथन भी शामिल है। गंगरेल बांध में आयोजित इस कार्यक्रम को लेकर जिलेवासियो में कोई रूचि नही है ये अपनी समस्याओं से घिरे हुए है। मूलभूत सुविधाएं इन्हें नही मिल रही है। जिस प्रकार वर्तमान समय में अधिकारीवाद चल रहा है उससे सरकार की छबि भी धूमिल होती नजर आ रही है।
जिला प्रशासन ने बीते गणेशोत्सव को लेकर डीजे को पूरी तरह बंद करवा दिया जिससे सामाजिक संगठनो में इसकी कड़ी आलोचना की गई। अब वही जिला प्रशासन गंगरेल से 100 मीटर की दूरी पर डीजे बजाये जाने, व्यापक तैयारियां की जा रही है। इस नादिरशाही रूख के कारण ही जिलेवासियो में खासी नाराजगी देखी जा रही है। जल जगार महोत्सव का संदेश है कि जल जीवन है लेकिन जिला कार्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित महानदी जो भूमि के अंदर पानी के लेबल को बनाये रखने के लिए सोख्ता के रूप में काम करती है वहां से रेत की अवैध खुदाई धडल्ले से की जा रही है इसके अतिरिक्त प्रतिबंधित अवधि में भी रेत की अवैध निकासी की जा रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखना है तेन्दूकोन्हा ग्राम से निकलने वाली रेत से दिया जा सकता है इसी तरह जिले में अपनी सात सुत्रीय मांगो को लेकर वनांचल क्षेत्रो के लोगो ने धरना प्रदर्शन जारी किया उनकी मांगो को अब तक पुरा नही किया गया। जिले में पिछले 9 माह से सडक, पानी, बिजली और वनांचल क्षेंत्रो के लोगो को भूमि पटटा नही मिला है प्रशासन की इस खामियो को दबाने हेतु जनसम्पर्क विभाग कमार क्षेत्रो में जीविकोपार्जन की सुविधाएं मुहैया कराने वाले जैसे समाचारो को प्रेषित कर जिला प्रशासन की हिटलरशाही को दबाने का असफल प्रयास कर रहा है।
कहा जाता है कि जो पाम्पलेट जल जगार को लेकर प्रिंट करवाया गया है उसमें जिला प्रशासन ने दो दिवसीय रूद्राभिषेक का समय शाम 5 बजे निर्धारित किया है जिसे लेकर भी लोगो में काफी नाराजगी है। सनातन धर्म से जुडेे लोगो का कहना है कि रूद्राभिषेक का समय सुबह किया जाता है शाम 5 बजे का समय किसी भी सूरत पर उचित नही है जिससे लोगो की भावनाए आहत हो रही है। इनका कहना है कि यह जो कार्यक्रम हो रहा है वह शास्त्रानुकूल नहीं है। जागरूक नागरिको का कहना है कि पिछले 9 माह से जल संरक्षण को लेकर तरह तरह के आयोजन किये जा रहे है इसके लिए बाहर से भी अधिकारियो को बुलाया गया परंतु जितने भी कार्यक्रम यहां आयोजित किये गये लेकिन जमीनी स्तर पर जिलेवासियो को इसका कोई लाभ नजर नही आया। बल्कि इसके माध्यम से अपनी झूठी वाहवाही को लेकर खुद की पीठ थपथपा कर अपने मुंह मिंया मिटठू बनने का असफल प्रयास किया गया यही नही जल जगार के नाम पर परेशानहाल उद्योपतियो, व्यापारियो से चंदा वसुली की गई है उसकी शिकायत कुछ पीडित व्यापारी प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी करने की तैयारी कर रहे है इनका यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले दिनो कलेक्टर, एसपी की बैठक में दो टूक शब्दो में चेतावनी देते हुए कहा था कि जीरो टॉरलेंस की नीति पर काम किया जाना चाहिए शिकायत बर्दास्त नही किया जायेगा, लेकिन शायद जिले के अधिकारियो को मुख्यमंत्री की इस हिदायत की कोई परवाह नही है और बेखौफ होकर चंदा वसुली का कार्य लगातार कर रहे है जिससे भाजपा की छबि जनता की धूमिल हो रही है। यही नहीं शासकीय कार्यालयों का हाल भी पिछले कई दिनों से बदतर है। अधिकांश अधिकारी, कर्मचारी सिर्फ जल-जगार के कार्यक्रमों में सिमटकर रह गये हैं। जनता की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। अधिकारी, कर्मचारी भी पिछले कई दिनों से दबाव के चलते काफी परेशान नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जल-जगार कार्यक्रम हम लोगों के लिये एक परेशानी का कारण बन चुका है।
जल जगार कार्यक्रम के नाम पर उद्योगपतियों, व्यापारियों से चंदा लिये जाने की शिकायत पर प्रदेश भाजपा महामंत्री रामू जगदीश रोहरा से दूरभाष पर चर्चा कर पूछे जाने पर उनका कहना था कि इस कार्यक्रम के नाम पर चंदा लिये जाने की जानकारी आपके माध्यम से प्राप्त हुई है। यदि ऐसा किया गया है तो यह पूरी तरह गलत है। इसकी जांच पडताल करवाई जायेगी और दोषियो को बख्शा नही जायेगा क्योंकि प्रदेश की भाजपा सरकार आम लोगो की सरकार है और इस सरकार में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही किया जायेगा।