संजय जैन
धमतरी | एक बहुत ही अच्छी सेवा
विगत 19 वर्षों से चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर जब नीम के पेड़ पर नई पत्तियां लगती हैl
उन पत्तियों का रस बनाकर निरंतर जरूरतमंदों तक पहुंचाने की सेवा राकेश भाई लोहाना (काका )द्वारा की जा रही है l
हर शाम को यह नीम की नई पत्तियां तोडवाते हैं और दूसरे दिन प्रातः 5:00 बजे उठकर औषधि स्वरूप कड़वे नीम का रस बनाते हैंl प्रातः 5:30 बाजे सदरबाजार में गणेशमंदिर के सामने स्टॉल लगा कर नीम का राजा रस बना के इस रस को छोटी छोटी पुड़िया में बांधकर जरूरत मन लोगों को निः शुल्क देते हैं l यह सेवा नवरात्री को नव दिनों तक प्रातः 6:00 बजे से 7:30 बजे तक रहती हैं l जिन्हे भी नीम पानी पीना हो वे सुभा जा के इस सेवा का लाभ ले सकते हैं l
नीम के रस के फायदे
1. एंटी-फंगल गुण
नीम का रस पीने के फायदे की बात करें, तो यह शरीर को फंगल संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, नीम के अर्क में एंटी-फंगल प्रभाव पाया जाता है, जो एस्परगिलस (Aspergillus) और राइजोपस (Rhizopus) जैसे फंगी के विकास को रोक सकता है । इससे फंगल के कारण होने वाले संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
2. सर्दी और खांसी के लिए
सर्दी और खांसी की समस्या में भी नीम का जूस का उपयोग आयुर्वेदिक दवाई के तौर पर किया जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, नीम के पेड़ के हर भाग का इस्तेमाल खांसी से आराम दिलाने में सहायक हो सकता है । वहीं, नीम में मौजूद एंटी-वायरल गुण सर्दी की समस्या को कम करने में सहायता कर सकता है ।
3. ल्यूकोरिया (Leucorrhoea)
ल्यूकोरिया की समस्या में भी नीम का जूस के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, ल्यूकोरिया वह स्थिति है, जिसमें योनी से सफेद, पीला या हरे रंग का तरल पदार्थ बहार निकलता है । ऐसे में नीम का जूस मददगार साबित हो सकता है। इस संबंध में एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि ल्यूकोरिया की समस्या में नीम के जूस का सेवन लाभकारी हो सकता है । हालांकि, नीम के जूस में मौजूद कौन-सा गुण इसमें मदद कर सकता है, इस संबंध में फिलहाल स्पष्ट वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।
4. वजन घटाने के लिए
बढ़े हुए वजन को कम करने में भी नीम का जूस पीने के फायदे हो सकते हैं। इस संबंध में पब्लिश एक वैज्ञानिक रिसर्च में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि नीम के अर्क में टैनिन पाया जाता है, जो वजन नियंत्रण में कुछ हद तक मददगार हो सकता है । इस आधार पर यह माना जा सकता है कि वजन घटाने के लिए नीम का जूस उपयोगी साबित हो सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
5. बुखार से राहत
नीम का जूस पीने के फायदे बुखार से राहत दिलाने के लिए भी हो सकते हैं। सालों से आयुर्वेद में इसका उपयोग कई शारीरिक समस्याओं के इलाज में किया जाता रहा है। वहीं, इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि नीम के अर्क का इस्तेमाल माइल्ड और एक्यूट फीवर यानी हल्का व तेज बुखार को ठीक करने के लिए हर्बल दवाई के रूप में किया जा सकता है । फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
6. ओरल हेल्थ के लिए
मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी नीम का जूस पीने के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, दांतों की देखभाल के लिए बनाए गए उत्पादों में नीम के अर्क का उपयोग किया जाता है। दरअसल, नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह और दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-कारियोजेनिक (दांतों को टूटने से बचाने वाला) और एंटी-प्लाक (प्लाक के गठन को रोकने वाला) गतिविधि भी पाई जाती है, जिससे मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है ।
7. त्वचा के लिए
त्वचा की समस्याओं में भी नीम के जूस को अच्छा माना जाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश मेडिकल रिसर्च की मानें, तो नीम एक कारगर एंटीसेप्टिक (त्वचा को संक्रमण से बचाने वाला) की तरह काम कर सकता है। वहीं, शोध में जिक्र मिलता है कि नीम का उपयोग त्वचा के जुड़े रोग, सेप्टिक घाव और जले हुए घाव में लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, इसे अल्सर और एक्जिमा (सूजन से जुड़ी त्वचा समस्या) में भी फायदेमंद पाया गया है (9)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
8. रूसी के लिए
नीम जूस के फायदे रूसी की समस्या को कम करने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, नीम के पत्तों के अर्क में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं, जो मलसेजिया फंगी और स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया की वजह से होने वाली रूसी की समस्या में लाभकारी हो सकते हैं । इस आधार पर यह माना जा सकता है कि नीम का जूस का उपयोग रूसी से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।
श्री राकेश भाई लोहाना द्वारा रोजाना 108 नग नीम के रस की पुड़िया बनाते और लोगों को दिया जाता है