आज छत्तीसगढ़ महतारी महिला सेवा संस्थान द्वारा माननीय कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को हलषष्ठी (कमरछठ) के संबंध में शासकीय अवकाश के संबंध आवेदन दिया गया माननीय कलेक्टर महोदय से निवेदन किया गया है कि इस दिन शासकीय अवकाश घोषित किया जाए क्योंकि हमारे पूर्वजों द्वारा वर्षों से हमारी छत्तीसगढ़ की माताओं के द्वारा अपने बच्चों की दीर्घायु एवं। स्वास्थ्य की कामना के लिए हलषष्ठी माता का व्रत करती आ रही है मोहनी साहू ने बताया कि ये व्रत बच्चों की सलामती और दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की सलामती के लिए महिलाएं बड़े ही श्रद्धा और निष्ठा से करती है महिलाएं सुबह से ही इस व्रत की तैयारी में जुटी रहती है जैसे कि 6 प्रकार की भाजी दोना पत्तल दातुन भैंस का दूध दही घी और लाई खास बात तो यह है कि इसमें बिना हल चले पसेर चांवल का उपयोग किया जाता है चांवल और भाजी को बिना नामक बिना तेल का ऐसी सिंपल बनाया जाता है मुहल्ले की सारी महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर गढ़ा खोदकर 6 प्रकार का कथा सुनकर पूजा पाठ कर पूर्ण किया जाता है ऐसे में अगर शासकीय अवकाश नहीं मिलने से महिलाओं को पूजा की तैयारी करने में काफी मुश्किल होती है क्योंकि इस दिन का सामान आसानी से नहीं मिलता छठ पूजा जो कि हमारे छत्तीसगढ़ का त्यौहार नहीं है फिर भी उनमें छुट्टी दी जाती है साथ ही एक विशेष स्थान तालाब जिसको छठ पूजा के नाम से जाना जाता है ठीक उसी प्रकार एक विशेष स्थान को भी हलषष्ठी के नाम से पहचाना जाना चाहिए इस दौरान मोहनी साहू शमीना अंजुम भारती साहू भावना मरकाम भारती सोनी मंजू टेमरे निखिलेश दीवान डोमेश्वर उपस्थित रहे