रायपुर-विशाखापटनम मार्ग, मुआवजा प्रकरण में भ्रष्टाचार का मामला धमतरी पहुंचा

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 
धमतरी 3 मई। रायपुर से विशाखापट्नम जाने वाले 6 लेन भारतमाला सडक़ के भूमि अधिग्रहण में भू अर्जन के नाम पर फर्जी भुगतान किये जाने का मामला सुर्खियों में है। पूर्व में शासन के निर्देश पर इसमें संलिप्त कुछ अधिकारी एवं पटवारियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है वहीं कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी हेै। इस भू अर्जन के मामले में उक्त अधिकारियों ने कृषकों को भुगतान के नाम पर करोड़ों रूपये के वारे न्यारे किये थे जिसकी जानकारी मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित की गई है। अभी यह मामला ठंडा नहीं पड़ा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच भी जारी है। खबर है कि अभनपुर के बाद अब धमतरी जिले में भी भारतमाला प्रोजेक्ट के नाम पर जो भूमि का मुआवजा बनाया गया है, उसमें भी भयंकर भ्रष्टाचार हुआ है और अतिशीघ्र ही भारतमाला सडक़ निर्माण का मामला यहां भी गूंजेगा। चर्चा है कि जिले के प्रमुख अधिकारी ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्त जानकारी राजधानी के वरिष्ठ अधिकारी को प्रेषित भी कर दिया है।
 खबर के मुताबिक भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले कृषि भूमि के नाम पर ऐसे ऐसे लोगों को इसका भुगतान किया गया जिसकी शिकायत पूर्व में आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा की गई थी। उसकी जांच के पश्चात यह मामला उजागर हुआ और अभनपुर क्षेत्र में लगभग 43 करोड़ रूपये का फर्जी भुगतान पाया गया जिसे लेकर दो तहसीलदार और पटवारियों पर निलंबन की गाज गिरी। इस जांच के दौरान जांच दल को इस भूमि के मुआवजा के संबंध में जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके अनुसार अब यह राशि करोड़ों रूपयें में आंकी जा रही है। इसकी जांच अभी चल ही रही है और आगे भी इस भू अर्जन, भ्रष्टाचार में अनेक संदिग्ध और संलिप्त लोगों के चेहरे बेनकाब होने वाले हैं। चूंकि यह भारत शासन का महत्वपूर्ण योजना है जिसके लिये करोड़ों, अरबों रूपये खर्च कर शासन के मंशानुरूप यात्रा करने वाले लोगों को जल्द से जल्द उनकी यात्रा सुखमय, सुलभ हो, इसी के तहत यह प्रोजेक्ट दु्रतगति से रायपुर से लेकर विशाखापटनम तक जारी है। इस सडक़ निर्माण में रायपुर से लेकर विशाखापटनम तक जो निजी भूमि आ रही है, उसके मालिकों को शासन द्वारा भूमि का मुआवजा दिया जा रहा है। इसी के चलते भू अर्जन के प्रकरण में फर्जी किसानों के नाम पर अभनपुर में पदस्थ तत्कालीन अधिकारियों ने भारी भ्रष्टाचार किया है जिसे लेकर शासन द्वारा संबंधितों पर कार्यवाही भी की गई है।
 भारतमाला प्रोजेक्ट रायपुर से अभनपुर होते हुए कुरूद, नगरी, सिहावा विकासखंड के अनेक गांवों से होकर गुजर रही है। इसके अंतर्गत आने वाले अनेक गांवों की निजी भूमियां शासन के निर्देशानुसार अधिग्रहित की गई है। अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा संबंधित भूमि स्वामियों को देने का निर्देश मिला है। लेकिन इस भू अर्जन प्रकरण में कुछ अधिकारियों ने किसानों के रकबे को बढ़ा चढ़ाकर तथा उनके नाम पर फर्जी भुगतान बनाकर करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया हेै। इस प्रकरण में अधिकारियों द्वारा तथाकथित भूमाफियाओं से मिलकर भयंकर से भयंकर भ्रष्टाचार किया गया है जिसका प्रमाण अभनपुर क्षेत्र से दिया जा सकता है। यह भ्रष्टाचार कुरूद और नगरी विकासखंड के अंर्तगत होकर गुजरने वाली भारतमाला सडक़ परियोजना में भी किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है जिसे लेकर अंदर ही अंदर बिना किसी हो-हल्ला के इसकी जांच जारी है। संभावना जताई जा रही है कि अभनपुर की तर्ज पर कुरूद, नगरी या और उससे आगे भी जहां-जहां से भारतमाला सडक़ निकलनी है, वहां के सडक़ों के मुआवजा के नाम पर कुछ अधिकारियों एवं तथाकथित भूमाफियाओं ने सांठगांठ कर लंबा-चौड़ा खेल किया है। सूत्रों का कहना है कि थ्री-डी प्रकाशन के बाद अधिग्रहित भूमियों की खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लग जाता है। लेकिन कुरूद के तत्कालीन एसडीएम, नायब तहसीलदार एवं कुछ पटवारियों के साथ भूमाफियाओं ने मिलीभगत कर जमीनों का फर्जी मुआवजा प्रकरण बनाकर भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने का काम किया है।
 मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि रायपुर से विशाखापटनम निकलने वाले 6 लेन सडक़ के अंतर्गत आने वाली निजी जमीनों के मालिकों को शासन के मंशानुरूप उचित मुआवजा दिया जाना प्रस्तावित है। लेकिन अभनपुर एवं कुरूद के कुछ अधिकारियों, पटवारियों ने तथाकथित भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत कर मालिकाना हक न होते हुए भी भारी भरकम जमीनों का फर्जी मुआवजा फर्जी किसानों के नाम पर आहरित किया है। खबर तो यह भी है कि कुरूद के तत्कालीन एसडीएम, आरआई, पटवारी ने मिलकर इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सडक़ की अधिकृत भूमि में भी यह कृत्य किया है। इस मामले के बाद शासन के निर्देशानुसार उक्त क्षेत्र के भूमि को क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के लिये आदेश जारी हुए जिसकी सूचना संबंधित तहसील के उप पंजीयक कार्यालय को भी प्रेषित की गई है। इस सडक़ निर्माण के नाम पर जिस प्रकार मुआवजा का भुगतान दर्शाया गया है, उसकी जांच वर्तमान में विभिन्न शासकीय एजेंसियों द्वारा की जा रही है। पता यह भी चला है कि धमतरी जिले में भी अतिशीघ्र भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजा राशि में भी हेरफेर का पर्दाफाश हो सकता है। चल रही जांच से ऐसा संकेत मिलता है कि कुरूद एवं नगरी क्षेत्र में भी कुछ अधिकारी, तथाकथित भूमाफियाओं ने यह खेल किया है। उल्लेखनीय रहे कि रायपुर से विशाखापटनम तक बन रहे भारतमाला सडक़ प्रोजेक्ट के मुआवजा राशि में करोड़ों के भ्रष्टाचार की गूंज विधानसभा में भी गूंजी थी और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार से कहा था कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है। आखिरकार विधानसभा में इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराये जाने की घोषणा की गई और वर्तमान में इसकी जांच ईओडब्ल्यू द्वारा की जा रही है।
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