धमतरी की बेटी मंजू और रायपुर के दामाद सुनील ने सार्थक में रचाई खुशियों की महफ़िल, संभाली दो बच्चों की स्कूल यात्रा की जिम्मेदारी

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़ 

सार्थक स्कूल धमतरी में आज का दिन बच्चों के लिए अविस्मरणीय और आनंद से भरा रहा, जब धमतरी की बेटी श्रीमती मंजू बोथरा और रायपुर के दामाद श्री सुनील बोथरा ने यहां आकर विशेष बच्चों के जीवन में खुशियों के रंग बिखेरे।

सार्थक की गतिविधियां फेसबुक पर देखकर प्रभावित हुए इस दंपत्ति ने रायपुर से आकर बच्चों को स्कूल बैग, वॉटर बॉटल, स्टेशनरी सामग्री और स्वल्पाहार प्रदान किया। साथ ही, उन्होंने पालकों की आर्थिक कठिनाइयों को समझते हुए दो बच्चों के गांव से स्कूल आने-जाने के वार्षिक ऑटो किराए (₹25,000) की जिम्मेदारी ली, जिससे अब ये बच्चे नियमित रूप से स्कूल आ सकेंगे।उनकी बेटियों रूपल सुराना (मुंबई) और मीनल लूनिया (कवर्धा) ने भी इस नेक कार्य में भागीदारी करते हुए बच्चों के लिए उपहार पैकेट्स भेजे।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने गीत और नृत्य प्रस्तुत कर अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया। सार्थक के प्रशिक्षकों द्वारा तैयार किए गए तिरंगा बैज की कलात्मकता को सराहते हुए उन्होंने 20 बैज खरीदे।

श्रीमती मंजू बोथरा ने अपने भावुक वक्तव्य में कहा —धमतरी मेरा मायका है, और सभी बेटियों की तरह मैं भी अपने मायके और इस शहर से गहरा प्रेम करती हूं। सार्थक से जुड़ी सरिता दोशी मेरी बहन और कॉलेज की सहपाठी रही हैं। फेसबुक ने हमें सार्थक आने का मौका दिया, और इन बच्चों के बीच आकर जो खुशियां देखी हैं, वह मेरे जीवन की अनमोल यादें बन गई हैं।

 सुनील बोथरा ने कहा —ये बच्चे ईश्वर के विशेष उपहार हैं। इनके चेहरे पर मुस्कान लाना ही सबसे बड़ी पूजा है। हमें गर्व है कि हम इस सार्थक कार्य में थोड़ी-सी भागीदारी कर सके।सार्थक संस्था की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा —मंजू और सुनील ने जिस संवेदनशीलता और प्रेम से मदद का हाथ बढ़ाया है, वह हम सबके लिए प्रेरणादायक है। यह मदद न केवल सामग्री की है, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का कदम है। पालकों की आर्थिक असमर्थता के कारण स्कूल के 23 बच्चे स्कूल आने से  छूट गए हैं ।  संस्था के सदस्यों  एवं  जनसहयोग से उनके स्कूल आने जाने की व्यवस्था धीरे धीरे की जा रही  है।सचिव स्नेहा राठौड़ ने कार्यक्रम का संचालन स्नेहपूर्ण और उत्साहभरे अंदाज़ में किया, जिससे वातावरण और भी जीवंत हो गया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशिक्षिका मैथिली गोड़े, कंप्यूटर प्रशिक्षक मुकेश चौधरी, संगीत प्रशिक्षिका देविका दीवान एवं नृत्य एवं खेल प्रशिक्षिका काजल रजक का विशेष सहयोग रहा।

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