बाबा की राखी से महका सार्थक, ब्रह्मकुमारी दीदियों ने बांटी आध्यात्मिक मिठास

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़ 

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के प्रशिक्षण एवं सेवा केंद्र सार्थक स्कूल  धमतरी में रक्षाबंधन का पावन पर्व अत्यंत स्नेह और आध्यात्मिक उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय धमतरी की संचालिका सरिता बहन जी अपनी शिष्याओं मुलेश्वरी बहन जी एवं कुसुम बहन जी के साथ पधारीं।कार्यक्रम में महिला समाज धमतरी की पूर्व अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित समाजसेवी नीला कापड़िया विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। 

बच्चों ने भावपूर्ण गीत से दीदियों और श्रीमती कापड़िया का स्वागत किया। तत्पश्चात दीदियों ने माउंट आबू से लाई शिव बाबा की पवित्र राखी प्रत्येक बच्चे, प्रशिक्षकों, सदस्यों एवं पालकों  को अपने हाथों से बांधी और स्नेहपूर्वक लड्डू खिलाए। पावन राखी और मीठे स्वाद के संग बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे।


 नीला कापड़िया ने बच्चों को बिस्किट और नमकीन के पैकेट वितरित किए। इस अवसर पर स्कूल के एक बच्चे के पालक जितेंद्र एवं नीलेश्वरी ने सभी बच्चों को नोटबुक और पेंसिल का उपहार दिया।उपहार पाकर बच्चों ने थैंक्यू कहा।

सार्थक के विशेष बच्चों ने अपनी हस्तनिर्मित सुंदर राखियां सभी अतिथियों को बांधी। इन बच्चों की मासूमियत और प्रेम ने सभी को भावविभोर कर दिया।

सरिता बहन जी ने अपने आशीर्वचन में कहा – रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते का त्योहार नहीं है, बल्कि यह पवित्रता, स्नेह और आपसी विश्वास का संदेश देता है। शिव बाबा की राखी हमें आत्मिक शक्ति, सद्गुण और सेवा के मार्ग पर अग्रसर करती है।

नीला कापड़िया ने कहा – सार्थक के विशेष बच्चों के बीच आकर मुझे सच्चा रक्षाबंधन अनुभव हुआ। यहाँ का वातावरण प्रेम, अपनापन और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ है। ये बच्चे समाज की अनमोल धरोहर हैं और हमें इनके साथ समय बिताना गर्व की अनुभूति कराता है।


कार्यक्रम का सुंदर संचालन सार्थक संस्था की सचिव स्नेहा राठौड़ ने किया। आयोजन को सफल बनाने में वरिष्ठ प्रशिक्षिका मैथिली गोड़े, संगीत प्रशिक्षिका देविका दीवान एवं नृत्य प्रशिक्षिका काजल रजक का विशेष योगदान रहा।

अंत में सार्थक संस्था की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा – आप सभी का स्नेह और सहयोग हमारे बच्चों के जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा भरता है। साथ, समर्थन और स्नेह ही रक्षाबंधन का असली संदेश है

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