आदिकाल से निवासरत आदिवासी ही हैं इस धरती पर जल– जंगल– जमीन के मूल मालिक–आर एन ध्रुव

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 
गोंड़वाना समाज सेवा समिति उपक्षेत्र दुगली के तत्वाधान में बाबा बाहर राय प्रांगण दुगली, धमतरी छ.ग. में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को बड़े धुमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाहर राय बाबा की पूजा अर्चना के साथ बाइक रैली से हुई।
 इस अवसर पर मुख्य अतिथि आर एन ध्रुव ने कहा कि देश में वर्ष 2026 होने जा रहे जनगणना के आधार पर होने वाले परिसीमन में आदिवासी सुरक्षित सीट नगरी सिहावा में भी प्रभाव पड़ सकता है। हमें परिसीमन आयोग को इस क्षेत्र की वस्तुस्थिति से अधिसूचना के पूर्व अवगत कराना होगा। उन्होंने कहा कि शहरों की आबादी घनी है एवं सुदूर अंचल आदिवासी क्षेत्र की आबादी विरल होने के कारण जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होने से आदिवासी क्षेत्र को नुकसान होगा । इसलिए परिसीमन में पांचवी अनुसूची क्षेत्र के भौगोलिक स्थिति एवं सांस्कृतिक स्थिति को गौर करते हुए परिसीमन हो। जातिगत जनगणना से जनजाति वर्ग के जातिवार जनगणना तो होगी। लेकिन इससे उप वर्गीकरण की भी स्थिति निर्मित हो सकती है । चूंकि समाज अभी भी मुख्य धारा में नहीं जुड़ पाया है इसलिए समाज को भारी नुकसान होने की संभावना है। 
उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर गुजरातियों को गुजरात, बंगालियों को बंगाल, तमिल को तमिलनाडु ऐसे ही समस्त राज्यों का निर्माण हुआ। लेकिन करोड़ गोड़ी भाषी बोलने वालों को आज तक गोंडवाना राज्य नहीं मिला है। जिसके कारण आदिवासी भाषा, संस्कृति, रीति– रिवाज का संरक्षण संवर्धन नहीं हो पा रहा है। आज भी गोंडवाना राज्य की मांग समाज करते आ रहा है।
आदिवासी क्षेत्र में जमीनों की खरीद बिक्री का अधिकार कलेक्टर को भी नहीं है लेकिन पेसा कानून का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने से आदिवासियों की जमीन की लूट मची हुई है। इतिहास लिखने में आदिवासी समाज के महान विभूतियों की अनदेखी हुई है।इसलिए अब आदिवासी समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने हमारे लेखकों को आगे आना होगा। स्थानीय स्तर पर शासकीय सेवा में आदिवासी वर्ग के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने से ही नक्सल समस्या का समाधान होगा। शिक्षा में ढाई लाख की आय सीमा निर्धारित करने से पैसों की अभाव में आदिवासी वर्ग के बहुत सारे विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। एट्रोसिटी एक्ट का प्रभावशाली क्रियान्वयन नहीं होने से समाज को समुचित न्याय नहीं मिल पा रहा है। बड़े उद्योग ,व्यापार एवं अन्य प्रतिष्ठान स्थापित होने पर आदिवासियों का व्यवस्थापन पहले हो। इस धरती पर आदिवासी क्षेत्र में आदिकाल से निवासरत जल– जंगल– जमीन के मूल मालिक आदिवासी ही हैं। यह बात अलग है कि अभी भी उनके पास बताने के लिए मौलिक राजस्व रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए वन अधिकार पट्टा के मामले में पहला हक उनका बनता है । फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों के खिलाफ सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है जिसके कारण अभी भी धड़ल्ले से बेखौफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारी नौकरी कर रहे हैं, पदोन्नति में आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम राहत के साथ छत्तीसगढ़ में बड़े-बड़े आंदोलन होने के बावजूद सरकार पदोन्नति में आरक्षण की बहाली नहीं कर रही है। जिसके कारण आदिवासी समाज को भारी नुकसान हो रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में औद्योगीकरण के नाम पर वनों की कटाई पर रोक लगाए जावे। टाइगर प्रोजेक्ट के नाम पर देश के विभिन्न राज्यों में आदिवासी बाहुल्य जिलों से आदिवासियों को बाहर किए जाने का योजना सरकार की है। नगरी क्षेत्र में भी आदिवासियों को वनों से बाहर किया जाएगा। इसलिए टाइगर प्रोजेक्ट के नाम पर आदिकाल से निवासरत आदिवासियों को वनों से बाहर न किया जाए।
कार्यक्रम मुख्य अतिथि आर एन ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष अनु.ज.जा. शासकीय सेवक संघ छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय सचिव गोंडवाना गोंड महासभा थे।अध्यक्षता मायाराम नागवंशी अध्यक्ष गोंडवाना समाज सेवा समिति उपक्षेत्र दुगली ने किया, विशिष्ट अतिथि शिवचरण नेताम पूर्व जिला अध्यक्ष ध्रुव गोंड समाज जिला धमतरी, राजेन्द्र ध्रुव जिला सचिव छ.ग. सर्व आदिवासी समाज जिला धमतरी ,संरक्षक बिच्छल सिंह मरकाम, नरसिंह मरकाम संरक्षक, पंचू राम नेताम संरक्षक, श्रीमती कलावती मरकाम जनपद सदस्य नगरी दुगली, रामेश्वर मरकाम सरपंच दुगली, रमेश मण्डावी सरपंच-बांधा, श्रीमती मानकी कुंजाम सरपंच-गुहारनाला,श्रीमती लकेश्वरी सोरी सरपंच-मुनईकेरा,श्रीमती राधिका नेताम,सरपंच-कौहाबाहरा, श्रीमती मोनिका मंडावी,सरपंच कोलियारी, कार्यक्रम संचालक बुधराम नेताम, चिंता राम तुमरेटी,अर्जुन मरकाम,मुकेश मंडावी अध्यक्ष युवा प्रभाग, श्रीमती राजकु‌मारी सोरी अध्यक्ष महिला प्रभाग सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।

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