वही सृजन करता है जिसमें ईश्वरीय शक्ति होती है – अबिनाश मिश्रा

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़ 

हीरा सिरामिक फाउंडेशन, कुरुद द्वारा प्रतिवर्ष हो रहे अंतरराष्ट्रीय सिरामिक उत्सव "नगाड़ा 2025" के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे धमतरी कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने सिरामिक उत्सव में कलाकारों के द्वारा बनाई गई अदभुत कलाकृति को देख कर तथा उसके पीछे कलाकारों की मेहनत को देख कर भाव विभोर हुए। उन्होंने कहा कि कलाकार सृजनकर्ता होता है वो अपनी कल्पना को आकार देता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिनमें ईश्वरीय शक्ति होती है वहीं सृजन कर सकता है। उन्होंने कलाकारों को यह आश्वासन भी दिया कि आने वाले समय में इस प्रकार के आयोजनों को हर संभव सहायता प्रशासन की ओर से दिलाने का प्रयास उनके द्वारा किया  जायेगा। जिला पंचायत धमतरी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री रोमा श्रीवास्तव और अनुविभागीय अधिकारी कुरुद नभसिंह कोसले ने भी देश विदेश से आए कलाकारों से उनकी कला के विषय में विस्तार से जाना। नवोदित कलाकारों की कला के प्रति समर्पण भावना को देख अतिथिगण अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने इस सुन्दर आयोजन के लिए आयोजकों तथा सभी कलाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

सिरामिक उत्सव का उद्घाटन नगर पंचायत कुरूद की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति भानु चन्द्राकार तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नीरज चन्द्राकार मनोज त्रिपाठी स्वराज सिंह कलशी के कर कमलों द्वारा किया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिरामिक कार्यशाला में अमेरिका, इजराइल सहित गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 22 से अधिक ख्यातिप्राप्त कलाकारों ने भागीदारी की थी। 

युवा कलाकारों को प्रोत्साहन हेतु प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला यह उत्सव को नित नए आयाम को प्राप्त कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ काम करते युवा कलाकार नई तकनीक की जानकारी प्राप्त करके अपने काम को नई दिशा देने मे सफल रहे हैं। वरिष्ठ कलाकारों के साथ काम  और चर्चा का मौका पाकर युवा कलाकार ने तत्कालीन समय में हो रही घटनाओं की भी जानकारी प्राप्त की थी।  

कार्यशाला के दुसरे दिन कलाकारों ने अपनी सृजनशक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया। कलाकारों ने साथ में वक्त बिताया। साथ में रहना, एक साथ भोजन इत्यादि करना तथा शाम के समय वरिष्ठ कलाकारों के द्वारा अपने अपने संस्मरण बता कर सभी का ज्ञानवर्धन भी किया जाता था। कार्यशाला के अंतिम दिन अमेरिका से  भारत कला की भारतीय विधा सीखने आए कलाकार डेनिस स्टीलवेल और इजराइल में निवासरत भारतीय मूल के कलाकार चंचल बंगा ने कला की अपनी शैली प्रदर्शन डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से किया। ऐसे ही भुवनेश्वर से आए हुए कलाकार सरोज राउत ने अपने काम के बारे में विस्तार से बताया। 

तीन दिन तक चली इस कार्यशाला में कलाप्रेमी स्थानीय गणमान्य नागरिक योगेन्द्र त्रिपाठी, हुकुम वर्मा और अनंत साहू ने उपस्थित रहकर कलाकारों के साथ कार्यशाला का आनंद उठाया था। इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिरामिक कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों में प्रमुख रूप से बड़ौदा गुजरात से श्री कृष्ण पडिया, सुश्री दीपा पंत, महाराष्ट्र से मुकुन्द जेठवा, उड़ीसा से सरोज राउत, उत्तर प्रदेश से  प्रेम शंकर प्रसाद, सुश्री डॉ. लकी टांक, सुश्री पल्लवी सिंघ, राजस्थान से पवन शर्मा, मध्य प्रदेश से दिव्या पोरवाल, छत्तीसगढ़ से डाॅ. छगेन्द्र उसेंडी, सुश्री विजया त्रिपाठी, सुश्री राखी गुप्ता,  युगल किशोर,  हूमन चक्रधारी ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला के संयोजक चिरायु सिन्हा और सहसंयोजक सुश्री देशना जैन ने कार्यशाला में कलाकारों को बेहतर वातावरण देने का प्रयास किया उन्हें आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया साथ ही कार्यशाला में उनके द्वारा भी अपनी कला का प्रदर्शन किया गया तथा सबसे महत्वपूर्ण छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति से मेहमानों को परिचित कराने का प्रयास भी उनके द्वारा किया गया। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है होली के समय छत्तीसगढ़ के हर गली मोहल्ले में नगाड़ा बजाकर उत्सव मनाने की संस्कृति है। इस कार्यशाला का आयोजन भी हर साल होली के तुरंत बाद किया जाता है तथा इसका नाम भी "नगाड़ा उत्सव" रखा जाता है। इस आयोजन में जिले के कुछ प्रभावशाली व्यक्ति जिनकी कला के क्षेत्र में विशेष रूचि है जैसे कुरूद के प्रतिष्ठित इमरान बेग, कैलाश शुक्ला, शिवप्रताप ठाकुर, अखिलेश दास वैष्णव सहित धमतरी के कविंद्र जैन तथा कुरुद के कलाप्रेमी व्यक्तियों एवं परिवार के सहयोग ने इस उत्सव मे इंद्रधनुषी रंग भरने का कार्य किया। 

प्रदेश के अन्य स्थानों से भी कलाप्रेमियों ने यहां आकर कलाकारों से मुलाकात की उनके काम को देखा और सराहा। आने वाले समय में यह आयोजन और अधिक भव्य होगा और क्षेत्र में कला को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगा ऐसा विश्वास सभी ने व्यक्त किया।

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