छात्र-छात्राओं ने गांव वालों के समक्ष पूसा डिकंपोसर का घोल बनाकर दिखाया

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़।

धमतरी। के एल उद्यानिकी महाविद्यालय पोटियाडीह धमतरी के चतुर्थ वर्ष के छात्र.छात्राओं ने ग्रामीण उद्यानिकी कार्य अनुभव शिक्षा के अंतर्गत ग्राम लोहरसी में पूसा डीकंपोजर की जानकारी प्रदान की गई। पूसा बायो डीकंपोजर एक कैप्सूल है जिसमें फ़ंगल कल्चर होता है, इसका इस्तेमाल सभी तरह के फसल के कचरे, रसोई के कचरे, बगीचे के कचरे को खाद में बदलने के लिए किया जाता है । भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ढ्ढ्रक्रढ्ढ) ने इसे विकसित किया है। यह पराली को बिना जलाए ही नष्ट कर देता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाता है । इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता छात्र.छात्राओं द्वारा गांव वालों के समक्ष पूसा डिकंपोसर का घोल बनाकर दिखाया गया। किसानों ने इसकी सराहना किया एवं अपने राय भी दिया। ग्रुप के सदस्य हर्षिता ,दानेश्चंवर चंद्रकांत ,दिव्या ,खुशबू ,जसवंती,हिमांशु व इशान इस अवसर पर गांव के कृषक  अंकलहू राम ,शंकर राम,गोपाल साहू ,डोमन साहू ,कविता साहू सहित अनेक किसान उपस्थित रहें । महाविद्यालय के प्राचार्य राकेश पांडे एवं विषय शिक्षक गीतेश्वर पाठक व  प्रियदर्शी द्वारा प्रदर्शन का मार्गदर्शन किया गया।



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