संजय
जैन
धमतरी | छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव संभवत: अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। इसे लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा अपने वरिष्ठ नेताओं द्वारा घोषित जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार कम और अपना प्रचार दु्रतगति से करने पूरे शहर को विभिन्न दलों के लोगों द्वारा बोर्ड लगाकर किया जा रहा है। कांग्रेस के नेताओं का भी बोर्ड जो पुराने रथयात्रा के समय लगे हुए थे, आज भी वे स्थापित हैं जिससे यह बात स्पष्ट है कि आम लोगों के लिये शासन की उपरोक्त योजनाओं का प्रचार प्रसार कम कर दिया गया है। इसी कड़ी में महिला कांग्रेस एक ऐसा संगठन बन चुका है जो शहर से मृतप्राय की स्थिति में पहुंच चुका है। इसी वजह से पूर्व वर्षों में कांग्रेस की दो दिग्गज नेत्राी नम्रतामाला पवार, रेखा शांडिल्य ने अपनी उपेक्षा को लेकर संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपने साथियों समेत भाजपा प्रवेश कर लिया। वर्तमान स्थिति में एक बात स्पष्ट है कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी खामियाजा उठाना पड सकता है और तो और महिला कांग्रेस तो मैदान से ही नदारद नजर आ रही है। चार चिन्हारी की कार्यप्रणाली से पार्टी लगातार कमजोर हो रही है पार्टी हाईकमान को इस पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग समर्पित कार्यकर्ताओं ने की है।
कांग्रेस संगठन की बात करें तो शहर के 40 वार्डों में यह बात प्रचारित है कि हमारी समस्याओं को कोई देखने वाला नहीं है। हमारी सरकार होते हुए भी हम उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं जिसका मुख्य कारण शहर के चार चिन्हारी नेताओं को दिया जा रहा है। इनके अडिय़ल एवं पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते कांग्रेस संगठन का अस्तित्व नगण्य है जिनके द्वारा अपने मन मुताबिक कार्य किया जा रहा है। सप्लाई, ठेकेदारी, रेत उत्खनन जैसे कार्यों में ऐसे नेता शामिल हैं। अनेक कांग्रेस के वरिष्ठ, जमीनी कार्यकर्ता संगठन के प्रमुख लोगों के रवैये से खिन्न होकर राजीव भवन में आना अपनी शान के खिलाफ समझ रहे हैं। पिछले माह सप्तगिरी उल्का द्वारा धमतरी राजीव भवन में बैठक भी रखी गई थी जिसमें मु_ीभर लोग उपस्थित थे। ऊपर से तुर्रा यह कि संगठन के एक पदाधिकारी की नादिरशाही रवैये के चलते वर्षों से जुड़े कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष को निष्कासित कर दिया गया। बाद में इसका खूब विरोध हुआ। सिहावा विस क्षेत्र के रहने वाले इस पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष को 6 वर्ष के लिये पार्टी से निष्कासित किये जाने के खबर पर समूचे सिहावा विस के हजारों कार्यकर्ताओं ने इसका भारी विरोध किया जिसके चलते उक्त निलंबन का आदेश संगठन के उक्त पदाधिकारी को वापस लेना पड़ा।
आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस संगठन के नेताओं की एकला चलो नीति और स्वार्थपूर्ति के चलते यह बात तो तय है कि कांग्रेसी जमीनी कार्यकर्ताओं का हौसला टूट सा गया है। इसी वजह से राष्ट्रीय सचिव के आगमन पर उपस्थिति की अपील का भी ऐसे लोगों पर असर नहीं हुआ। और तो और तू डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर महिला कांग्रेस का भी कोई अस्तित्व शहर में नजर नहीं आ रहा है। जबसे यहां पदाधिकारी को बदला गया है, तबसे लेकर अब तक महिला संगठन का कोई विशाल कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हुआ है। इनके ईर्द-गिर्द रहने वाले इनकी एकला चलो नीति से त्रस्त होकर अलग हो गये हैं। जैसा कि उपरोक्त पूर्व पार्षदों ने इस्तीफा दिया जिनके एक आव्हान पर कांग्रेस से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं भीड़ की शक्ल में लोगों को देखने मिलती थी, आज इनके हटने से महिला कांग्रेस शून्य की स्थिति पर पहुंच गई है जिसका मुख्य कारण वर्तमान पदाधिकारी के अडिय़ल रवैये को ठहराया जा रहा है। पिछले माह पुरानी कृषि उपज मंडी धमतरी में भाजपा का विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया था, वहां भी भाजपा नेताओं के समक्ष कांग्रेस के दिग्गज नेता, नेत्रियों ने कांग्रेस से अपना नाता तोडक़र भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली जिससे कांग्रेस को लगातार भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और संगठन में बैठे आला नेताओं द्वारा इन सब पर कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है जिससे आगामी विस चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ सकता है।
राजीव भवन का निर्माण लाखों रूपये की लागत से किया गया जिसका मुख्य मकसद कार्यकर्ताओं को वहां कांग्रेस नेताओं का सहयोग मिलेगा, उनकी समस्याएं दूर होंगी। लेकिन कांग्रेस भवन में ऐसे लोगों का जमावड़ा रहता है जो न ही आने वालो की सुध लेते हैं और न ही उन्हें नेताओं का पता बताते हैं। शहर में मंत्रियों के आगमन पर भी वे राजीव भवन नहीं पहुंचते। अपने चार चिन्हारी नेताओं से मिलकर अपने गंतव्य को रवाना हो जाते हैं। इसका भी खामियाजा आने वाले समय में कांग्रेस को देखना पड़ेगा। ऐसे गंभीर मामलों को राजधानी में बैठे पूर्व के नेताओं द्वारा त्वरित संज्ञान लेकर इस पर आवश्यक दिशा निर्देश दिये जाते रहे हैं परंतु राजधानी में बैठे अब ऐसे नेताओं द्वारा भी ऐसे गंभीर बातों पर सुध नहीं ली जा रही है। कांग्रेस संगठन चार चिन्हारी और महिला संगठन की पदाधिकारी के एकला चलो नीति के चलते लगातार अपना विश्वास खोते नजर आ रही है। अब देखना यह है कि राजधानी में बैठे नेता इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। कांगे्रस के कुछ लोगों का कहना है कि आगामी विस चुनाव सर पर है, लेकिन पदाधिकारी लापता जैसे हो गये हैं जिसके चलते कांग्रेस को नुकसान पहुंचना आवश्यंभावी माना जा रहा है।