गुरु बालदास का भाजपा में जाना आत्मघाती कदम: आशीष रात्रे

धमतरिहा के गोठ
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संजय जैन 

धमतरीबसपा नेता आशीष रात्रे ने कहा कि  सतनाम धर्म के प्रचार प्रसार बाबा गुरु घासीदास जी के विचार उपदेश संदेश को जन-जन तक पहुंचाना छोड़ अपने स्वार्थ व्यक्ति गत फायदा के लिए भाजपा की गोंद में जाकर बैठ जाना सतनामी समाज के लिए अच्छा नहीं है धर्म गुरुओं को राजनीति से कोसों दूर रहना चाहिए ताकि आम जन मानस में उनका मान सम्मान बना रहे रहें । सतनामी समाज का दुर्भाग्य है कि ऐसे व्यक्ति गत स्वार्थ के लिए समाज को बेचने वाले गुरुओं की वजह से समाज की आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक सांस्कृतिक स्थिति दयनीय है बसपा नेता आशीष रात्रे ने सतनामी समाज के पढ़ें लिखे बुद्धि जीवियों लोगों से अपील की है कि समाज में अब गुरु परंपरा को खत्म कर देना चाहिए। जैसे सिख समुदाय में गुरु गोबिंद सिंह दसवें गुरु थे उनके बाद गुरु परंपरा को बंद कर दिया गया। ठीक उसी प्रकार से सतनामी समाज में होना चाहिए अब गुरु का बेटा गुरु नहीं अब समाज को नई दिशा दशा आगे बढ़ाने वाले कर्म के आधार पर गुरु का चयन होने चाहिए।एक गुरु कांग्रेस पार्टी में दूसरा गुरु भाजपा में है दोनों गुरुओं व्दारा समाज के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं अगर सतनामी समाज के गुरुओं में हिम्मत है तो बाबा अंबेडकर का विरोध करने वाले गुरुओं को सामान्य सीट से चुनाव मैदान में उतारना चाहिए न कि आरक्षित सीट से। आरक्षित सीट से तो कोई भी समाज का व्यक्ति चुनाव जीत कर आयेंगे।


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