*धमतरी।* शासन, प्रशासन तक अपनी उंगली दिखाने वाले तथाकथित भूमाफियाओं के विरूद्ध जिला प्रशासन की कार्यवाही से चहुंओर प्रसन्नता की लहर दिखाई पड़ रही है। अपने आप को हाई प्रोफाईल, राजनीतिक संरक्षण का दावा करने वाले तथाकथित भूमाफिया बताने वाले ऐसे लोगों पर जो कार्यवाही की गई है, यदि ऐसी कार्यवाही पूर्व वर्षों में होती तो शायद आज शहरवासियों को राष्ट्रीय राजमार्ग और निचली बस्तियों में भरने वाले घुटने तक पानी से नहीं जूझना पड़ता। इस गंभीर मुद्दे को लेकर धमतरिहा के गोठ द्वारा लगातार समाचार प्रसारित किया गया था। इसके बाद भी पूर्व वर्षों में कार्यवाही नहीं होने से शहर एवं आसपास के इलाके में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जा रही थी किंतु जिला कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के द्वारा जिस प्रकार गोपनीय ढंग से त्वरित कार्यवाही की गई, जिसकी सभी तरफ प्रशंसा हो रही है।
वर्ष 1998 में जब अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में धमतरी तहसील को जिले का स्वरूप दिया गया, उसके बाद से शहर एवं आसपास के ईलाकों की भूमि को खरीदकर बिना अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। शहर एवं आसपास के लोगों ने ऐसे बिना अनुमति के निर्माण कार्यों को लेकर शंका जाहिर की थी कि आने वाले समय में बरसाती पानी के निकासी नहीं होने की वजह से यह पानी निचली बस्तियों, घरों में घुसेगा। इनकी यह शंका पिछले वर्ष से सहीं साबित हुई और निचली बस्ती सहित घरों के अंदर पानी घुसा। और तो और राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में भी ढाई फीट पानी घंटों रहा जिसके चलते आवागमन में काफी बाधाएं होती रहीं। इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण शहर एवं आसपास के इलाकों में बेतरतीब भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग किया जाना निरूपित किया गया है। ऐसा नहीं है कि पूर्व वर्षों में कार्यवाही नहीं की गई। यदा-कदा स्थानों पर न सिर्फ कार्यवाही की गई बल्कि वहां पड़े मटेरियल को भी जप्ती करवाया गया। लेकिन अधिकारियों के स्थानांतरण पश्चात यह कार्यवाही रोक दी गई और बिना अनुमति के अवैध प्लाटिंग का कार्य धड़ल्ले से जारी रहा। ऐसे लोगों को किसी का खौफ नहीं है। इनका तर्क था कि हमारी पहुंच शासन और प्रशासन तक है।
पिछले माह पूर्व अपर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही करते हुए अवैध प्लाटिंग वाले भूभाग से बिल्डिंग मटेरियल का सामान जप्ती करवाया गया था। लेकिन इसके बाद नियमानुसार उनका स्थानांतरण बालोद अपर कलेक्टर के रूप में हुआ जिसे लेकर ऐसे भूमाफियाओं के द्वारा दावा किया जा रहा था कि हमारी शिकायत पर अपर कलेक्टर को हटा दिया गया है किंतु पिछले दिनों जिला प्रशासन के मुखिया ऋतुराज रघुवंशी को शहर एवं आसपास के इलाकों में हो रही अवैध प्लाटिँग एवं शासकीय भूमि के अतिक्रमण की शिकायत मिली जिसे उन्होंने गंभीरता से लेते हुए इतनी गोपनीय एवं त्वरित कार्यवाही करवाई कि किसी को एप्रोच लगाने का मौका ही नहीं मिला। तथाकथित भूमाफिया कार्यवाही के दौरान आसपास भटकते जरूर नजर आये लेकिन कार्यवाही लगातार चलते रही। जब कलेक्टर के निर्देश पर यह कार्यवाही हुई तो अनेक लोगों ने इस कार्यवाही को उचित बताकर अवैध प्लाटिँग के क्षेत्र में जाकर जप्ती एवं सडक़ों के निर्माण को जेसीबी से उखाडक़र पूर्व की तरह उक्त क्षेत्र को कर दिया और ऐसे लोगों को यह बता दिया कि नियम सभी के लिये सामान्य है। सभी को नियमों का पालन करना चाहिये। बिना अनुमति के अवैध प्लाटिँग करने वालों के लिये एक चेतावनी है और ऐसा भी नहीं है कि यह कार्यवाही अंतिम है, इसके बाद भी यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी।
दूरदराज सहित शहर के ऐसे लोग जिनका आशियाना बनाने की सख्त आवश्यकता थी, वे लोग भूमाफियाओं द्वारा बिना अनुमति के निर्माण होने वाले भवन एवं भूमि को अपनी जमा पूंजी निकालकर उसमें यह सोचकर पैसा फंसाया कि उन्हें सारी सुविधाओं के साथ मकान उपलब्ध हो सकेगा। जब उन्हें मालूम हुआ कि ऐसे अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों ने विभाग से निर्माण की अनुमति नहीं ली है, तो वे अपनी राशि वापस मांगने के लिये बेताब हो गये और उन्होंने तकाजा शुरू किया। कुछ लोगों ने पैसा वापस पाने का श्रेय हासिल किया। लेकिन आज भी ऐसे लोग हैं जो पैसा मांगते-मांगते थक गये हैं परंतु उन्हें पैसा वापस नहीं मिल पाया है। ऐसे भूमाफियाओं का तर्क है कि हमने आपको जमीन दे दी है, रजिस्ट्री भी हो चुकी है, अब पैसा वापसी का कोई मुद्दा शेष नहीं है। इस तरह लोगों को भूमाफियाओं द्वारा ठगकर अवैध प्लाटिँग के कुछ भागों को दे दिया गया है जहां बिजली, पानी, नाली की समस्या विद्यमान है। अभी भी जोधापुर से रूद्री तक अवैध प्लाटिंग का खेल जारी है। जागरूक नागरिकों ने आशा व्यक्त की है कि ऐसे लोगों पर भी जिला प्रशासन की कार्यवाही होगी। गौरतलब रहे कि ऐसे अवैध प्लाटिंग वाले क्षेत्र को लेकर ग्राम तथा नगर निवेश, निगम व नजूल विभाग ने चिन्हित कर वहां भोले-भाले लोगों को होशियार करने कि यहां जमीन न खरीदें, उस बोर्ड को भी हटाकर कतिपय लोगों ने अवैध प्लाटिंग, मकान इत्यादि बना लिया है। कुल मिलाकर कलेक्टर के इस जबरदस्त कार्यवाही की चहुंओर प्रशंसा हो रही है और जो लोग शासन, प्रशासन को जेब में रखने की बात कहते थे, इस कार्यवाही से उन्हें भी उनकी हस्ती का पता चल गया। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि बहुत जल्द प्रशासन द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराये जाने की तैयारी की जा रही है।
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