*पुलिस विभाग चुस्त, आबकारी सुस्त, जिले में मारपीट, चाकूबाजी की घटना में लगातार बढ़ोतरी

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़

धमतरी 23 अक्टूबर।आबकारी विभाग की लापरवाही से जिले में अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है। ऐसे अवैध कार्य करने वालों पर आबकारी विभाग पूरी तरह मेहरबान है। इसी वजह से गांव, शहर में बिकने वाली अवैध शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। हालांकि पुलिस विभाग द्वारा जिले में बिकने वाले अवैध शराब विक्रेताओं पर कार्यवाही की जा रही है जिससे यह बात प्रमाणित होती है कि जिले में अवैध शराब विक्रय का बोलबाला है। आबकारी विभाग की जिम्मेदारी को पुलिस विभाग पूरी मुस्तेैदी के साथ निभा रहा है और विभाग है कि कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है जिससे जिले भर में दीपावली पर्व पर अवैध शराब का सेवन करने वालों ने खुलकर चाकूबाजी की है जिस पर पुलिस विभाग रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने अपनी विवेचना जारी रखी है।

दीपावली पर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा इस पर्व को शांतिपूर्वक मनाये जाने को लेकर फ्लेग मार्च निकाला गया था जिसमें स्वयं कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार समेत आला अधिकारी उपस्थित थे जिन्होंने जिलेवासियों से अपील की थी। वहीं दूसरी ओर जिले में नशे का कारोबार पूरी तरह अपनी जड़ें युवाओं में पैबस्त कर चुका है। इसी वजह से जिला प्रशासन की अपील पर भी आबकारी विभाग पूरी तरह मौन साधे रहा। अगर यह चाहता तो जिले के विभिन्न ग्रामों में बिक रही अवैध शराब को पकडक़र ऐसे लोगों पर कार्यवाही कर सकता था। लेकिन इस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी इस तरफ पूरी तरह निष्क्रिय रहे। फलस्वरूप दीपावली पर्व पर चाकूबाजी जैसी घटना भी घट चुकी है। गांवों में पिछले लंबे समय से अवैध शराब का व्यवसाय करने वाले लोगों में आबकारी विभाग की किसी प्रकार का डर नहीं है। वह तो गनीमत है कि पुलिस विभाग द्वारा गश्त के दौरान ऐसा अवैध कार्य करने वालों पर नजर रखकर त्वरित कार्यवाही की जाती है। लेकिन आबकारी अमला अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेरे हुए है। पुलिस विभाग की कार्यवाही को देखकर भी हरकत में नहीं आया है जिससे जिले में अवैध शराब की खपत तेजी से बढ़ रही है और इसकी चपेट में युवा वर्ग पूरी तरह आ चुका है।

मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि आबकारी अमला ऐसे अवैध शराब विक्रय करने वालों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। मिलीभगत के चलते अवैध शराब विक्रेताओं की बल्ले-बल्ले है। हद तो यह है कि आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारी तो खोमचा चलाने वालों से भी प्रति माह वसूली करने में लीन हैं। इसी वजह से ऐसे खोमचा चलाने वाले लोग अद्र्धरात्रि तक अपना व्यवसाय चला रहे हैं। अवैध शराब की बिक्री शहर के विभिन्न मोहल्लों में भी धड़ल्ले से हो रही है और ऐसे अवैध कृत्य में कल के भारत के भविष्य कहलाने वाले युवा इसकी आगोश में समा रहे हैं और नशे का सेवन कर बात-बात में चाकूबाजी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। आबकारी अमला की लापरवाही पूरी तरह जग जाहिर हो चुकी है। चहुंओर आबकारी विभाग की लापरवाही चर्चित है। जागरूक लोगों का कहना है कि आबकारी विभाग जब तक ऐसे अवैध शराब पर अंकुश नहीं लगायेगा, तब तक जिले में अवैध शराब की बिक्री होते रहेगी। वह तो गनीमत है कि पुलिस विभाग द्वारा ऐसे अवैध शराब विक्रेताओं पर समय बे समय कार्यवाही की जाती है वरन जिले का ऐसा कोई गांव नहीं जहां अवैध शराब की बिक्री न हो रही हो। अवैध शराब की बिक्री को रोकने में पुलिस विभाग पूरी तरह चुस्त नजर आ रहा हेै वहीं दूसरी ओर आबकारी विभाग सुस्त दिखाई दे रहा है जिसकी जिले में सर्वत्र चर्चा है।

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