चातुर्मास काल में गुरुभगवंतो के मुख से हमें जिनवाणी श्रवण करना है - परम पूज्य प्रशम सागर जी महाराज साहेब

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 

परम पूज्य उपाध्याय प्रवर अध्यात्मयोगी महेंद्र सागर जी महाराज साहेब परम पूज्य उपाध्याय प्रवर युवामनीषी मनीष सागर जी महाराज साहेब के सुशिष्य परम पूज्य प्रशम सागर जी महाराज साहेब परम पूज्य योगवर्धन जी महाराज साहेब चातुर्मास हेतु श्री पार्श्वनाथ जिनालय धमतरी में विराजमान है। 

परम पूज्य प्रशम सागर जी महाराज साहेब ने फरमाया कि चातुर्मास 9 जुलाई से प्रारंभ होने वाला है। जैसे हम कोई भी पर्व आने से पहले ही उसकी तैयारी प्रारंभ कर देते है वैसे ही चातुर्मास आने से पहले ही हमे स्वयं को तैयार कर लेना है। तप, जप, आराधना, साधना के माध्यम से जुड़ने का प्रयास करना है। 

चातुर्मास काल में साधु साध्वी चार माह तक एक स्थान में रहते है। इस अवसर का लाभ उठाकर श्रावक श्राविकाओं को जिनवाणी श्रवण कर आत्म उत्थान की ओर आगे बढ़ने का प्रयास करना है ।


चातुर्मास काल में गुरुभगवंतो के मुख से हमें जिनवाणी श्रवण करना है। 

इस जिनवाणी रूपी ज्ञान को आचरण में लाने का क्रम इस प्रकार है

सुनना - गुरुभगवंतो से जिनवाणी को श्रवण करना। 

समझना - सुने हुए वचनों का बारंबार चिंतन कर उसके अर्थ को समझना

स्वीकारना - जिनवाणी को समझने के बाद उस पर सम्यक श्रद्धा कर हृदय में धारण करना ।

सुधरना - जिनवचनों का आलंबन लेकर अपने दैनिक जीवन में आचरण को सुधारना।

चातुर्मास काल के दौरान श्रावक श्राविकाओं को पांच कार्य जरूर करना चाहिए


सेवा - ज्ञानीभगवंत  कहते है सुख देने से सुख अर्थात शाता मिलती है। अतः हमें सेवा भाव से दूसरों को सुख अर्थात शाता पहुंचाने का कार्य करना चाहिए। 


तप - जैन दर्शन के अनुसार बारह प्रकार के तप होते है। छह आंतरिक तप और छह बाह्य तप। इससे जुड़ने का प्रयास करना चाहिए। 


ज्ञान - परमात्मा के द्वारा दिए गए ज्ञान को गुरु भगवन्तों के मुख से जिनवाणी के रूप में श्रवण करना और आचरण में लाना।


ध्यान - प्राप्त किए गए ज्ञान पर एकाग्र होने का प्रयत्न करना।


भक्ति - देव, गुरु और धर्म की भक्ति करके अहंकार को जितने का प्रयास करना चाहिए। 

चातुर्मास काल के दौरान दैनिक दिनचर्या

प्रातः 08:45 से 10 बजे तक प्रवचन

दोपहर 03 बजे से 04 बजे तक स्वाध्याय ( महिलाओं के लिए)

रात्रि 08:30  बजे से 09:30 बजे तक स्वाध्याय (पुरुषों के लिए)

चातुर्मासिक प्रवचन दिनांक 06/07/2025 से प्रारंभ होगा

प्रवचन का विषय - आओ जाने युगप्रधान को

 

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