संजय छाजेड़
धमतरी के हरफतरई गांव का नरोत्तम बंजारे (39 वर्ष) अब एक नई शुरुआत के साथ आत्मनिर्भर जीवन की ओर कदम बढ़ा रहा है। दुर्गा और रामायण मंडली के सक्रिय गीतकार, गायक और वादक रहे नरोत्तम का जीवन हाल ही में एक चुनौतीपूर्ण मोड़ से गुज़रा, जब उसे एक गंभीर बीमारी के कारण अपना बायां पैर गंवाना पड़ा।
स्वाभिमानी और आत्मविश्वासी कलाकार नरोत्तम ने कभी किसी से मदद नहीं मांगी, लेकिन जब हालात कठिन हुए, तब “दिव्यांग बनें सशक्त” टीम धमतरी ने उसकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
टीम की पहल पर नरोत्तम और उसकी मां शांति बाई को चाय की दुकान खोलने के लिए आवश्यक समस्त सामग्री – टेबल, तालपत्री, चाय-सामग्री, जलाऊ लकड़ी, बिस्किट, नमकीन, बर्तन आदि – प्रदान किए गए। साथ ही एक मोबाइल फोन भी भेंट किया गया ताकि वह संपर्क में रह सके और कारोबार को आगे बढ़ा सके।
संयोजिका डॉ. सरिता दोशी और अनु नंदा ने इस अवसर पर बताया कि उनकी टीम विगत 7 वर्षों से दिव्यांगजनों का मनोबल बढ़ाने, उन्हें स्वनिर्भर बनाने और समाज में सम्मानपूर्वक स्थान दिलाने के लिए पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। इसके पूर्व भी उनकी टीम ने ई-रिक्शा और फल ठेले उपलब्ध करवा कर तथा विवाह करवाकर सात दिव्यांगजनों के जीवन को आसान बनाने में मदद की है। इसके लिए टीम के सदस्यों को अपने परिवार,रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों का अच्छा सहयोग मिल रहा है।
इस पुनीत कार्य में सहयोग देने वाली अनु नंदा, सोनिया दत्ता, वर्षा खंडेलवाल,पायल खंडेलवाल,प्रभा रावत, ममता गोयल, नेहा गोयल, रेणु भूतड़ा, वंदना शर्मा, , सुधा अग्रवाल, ज्योति लुनिया, नमिता चौरड़िया, नीतू दुग्गड़, वंदना मिराणी, ,रसीला बेन दोशी एवं श्रीकुंवर लोढा भिलाई का विशेष योगदान रहा।इस अवसर पर हरफतरई ग्राम के अमर बंजारे, लोकेश बंजारे, लक्की बंजारे, पीला बाई गायकवाड़,खिलेश्वर धृतलहरे सहित कई ग्रामीणजन भी उपस्थित रहे और नरोत्तम का उत्साह बढ़ाया।
नरोत्तम की आँखों में अब उम्मीद की चमक है। वह कहता है – कृत्रिम पैर लगने के बाद ई-रिक्शा चलाकर पूर्ण आत्मनिर्भर बनूंगा।