संजय छाजेड
धमतरी। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरेंगा द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह के समापन के अवसर पर वेदों की भाषा संस्कृत, जन भाषा संस्कृत, इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुशाल साहू व्याख्याता संस्कृत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोडऱा धमतरी द्वारा कही गई।
मां सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण पूजन पश्चात संस्कृत सप्ताह के समापन के अवसर पर आयोजित संस्कृत दिवस पर विद्यालय के छात्र.छात्राओं के द्वारा संस्कृत विषय पर संस्कृत में व हिंदी में भाषण प्रस्तुत किया गया जिनमें प्रमुख रूप से थनेश्वर चक्रधारी, दुर्गेश चक्रधारी, तेमेश्वरी साहू, गीता, श्लोक वचन, सुभाषित ,नीति श्लोक एवं संस्कृत गीत किरण निषाद वंदना रोमा तेजेश्वरी, संभाषण धनेश्वरी भूमिका एवं भूमिका द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि के द्वारा आतिथ्य उद्बोधन में कहा गया की संस्कृति विश्व भाषा है, देव भाषा है एकंप्यूटर की भाषा है ,वैज्ञानिक भाषा है। ग्रामे-ग्रामे नगरे -नगरे कंठे -कंठे जने-जने की भाषा हो। आज संस्कृत भाषा को संरक्षण की ज्यादा आवश्यकता है इसके लिए हम सबको मिलकर कार्य करना चाहिए। जयतु संस्कृतम, जयतु भारतम । ए वैद्य प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरेंगा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा की संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है यह केवल कक्षा तक सीमित न होकर जन भाषा बने इसके लिए हम सबको तन मन धन से सहयोग करना चाहिए। शेष नारायण गजेंद्र कार्यक्रम अधिकारी एनएसएस, व्याख्याता संस्कृत के द्वारा संस्कृत ध्येय मंत्र पठामि संस्कृतम् नित्यम ,वदामि संस्कृत सदा एका वाचन कर संस्कृत के महत्व और उनकी उपयोगिता के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में प्रमुख सहयोगी एमके रत्नाकर, पुरुषोत्तम बांधे, गतेद्र साहू, गजेंद्र चक्रधारी ,रामायण ध्रुव एवं छात्र.छात्राओं के द्वारा किया गया संचालन थनेश्वर चक्रधरी के द्वारा किया गया।