संघर्षमय जीवन की गाथा गाती है भगवान श्री कृष्ण का जीवन दर्शन- उमेश साहू

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड

धमतरी। भाजपा गंगरेल मंडल अध्यक्ष उमेश साहू ने यह बात कही ग्राम रुद्री के सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव पर सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रुद्री के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूर्व सांसद प्रतिनिधि उमेश साहू के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया जिसमें सैकड़ो छात्र.छात्राओं के साथ गांव के गणमान्य नागरीकगण माताएं उपस्थित हुए। सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्णऔर भारत माता के चित्र में पूजन अर्चन ,भोग लगाने के बाद आगत अतिथियों का छात्र.छात्राओं के द्वारा स्वागत किया गया जिसमें मुख्य अतिथि उमेश साहू के साथ संस्था के प्राचार्य और संस्था के संचालक भी उपस्थित थे। पश्चात बच्चों ने भगवान श्री कृष्ण से संबंधित मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दिए करीब 60 बच्चे राधा और कृष्णा के रूप में सजे हुए थे जिनको पुरस्कृत भी किया गया।

      अपने उद्बोधन में उमेश साहू ने उपस्थित गणमान्य नागरिक से चर्चा करते हुए कहे की भगवान श्री कृष्ण का जीवन हमको स्वयं को अपने जीवन में संघर्षों से कैसे लड़ते हुए प्रसन्नचित भाव से जीवन पर विजय प्राप्त करना है इसको सीखाता है उन्होंने आगे कहा कि जिस ईश्वर की हम पूजा करते हैं वह स्वयं पूरी सृष्टि को चलाने वाले हैं और वह हम मनुष्यों को समय.समय पर लौकिक और पारलौकिक ज्ञान को बताने के लिए साथ ही भौतिक जगत में सुख पूर्वक सफल जीवन जीने की राह को बताने के लिए स्वयं इस संसार के भीतर मनुष्य के रूप में अवतरित होकर अपने जीवन काल में लीला करते हैं।जिसका अनुसरण हम स्वयं करके उस रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सफल करते हैं और करना भी चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्री कृष्ण अपने लीला के दौरान उनके जीवन में माता से बिछड़ हुआ गांव से बिछड़ हुआ राधा रानी से बिछड़ हुआ ऐसे अनेक संघर्ष जीवन में आए ऐसे अनेक संघर्षों की लीला किया परंतु इतने संघर्षों में भी उनका जीवन मुस्कान से भरा रहा।और यही भगवान श्री कृष्ण का सबसे बड़ा सिख हमको मिलता है कि अनेक संघर्षों के बाद भी मुस्कुराते हुए हमें अपने जीवन में चलते रहना है।

      उन्होंने अंत में भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना किये कि सभी छात्र.छात्राओं और उपस्थित भक्तों के जीवन में सुख शांति वैभव दृढ़ता एवीरता एपराक्रम और अध्यात्म से सराबोर जीवन की प्राप्ति हो बच्चों में बुद्धि बल अपार हो इसके साथ अपनी वाणी विराम किए। पपश्चात 10वीं 12वीं में प्रथम द्वितीय तृतीय आने वाले छात्र.छात्राओं को प्रमाण पत्र और शील्ड देकर के सम्मान भी किए।

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