बकरी पालन कर रानी ओझा बनी आत्मनिर्भर

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड

धमतरी।  आज हर आदमी अधिकाधिक भौतिक संसाधन जुटाकर आरामदायक और वैभवशाली जिंदगी बिताने की इच्छा रखते हैं। और इस राह में चलते हुए विकास और प्रगति की दौड़ में हर कोई आगे निकलना चाहता है। ऐसी ही एक कहानी है जिले की कुरुद विकासखंड के ग्राम पंचायत कातलबोड़ की जहां श्रीमती रानी ओझा बकरी पालन कर आत्मनिर्भर हो रही है। रानी ओझा राधा कृष्ण स्व सहायता समूह की सक्रिय सदस्य है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्व सहायता समूहों के आजीविका संवर्धन हेतु बकरी शेड निर्माण ( रानी ओझा पति नामदेव ओझा) के लिए राशि-01 लाख 10 हजार रुपए और जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि-01 लाख 66 हजार रुपए की जिला कार्यालय से प्रशासकीय स्वीकृति मिली। जिससे निर्माण कार्य को गति प्रदान किया। शेड निर्माण से बकरियों को सुरक्षा व्यवस्था के साथ ठंड, गर्मी, बरसात से राहत मिली।

      ज्ञात हो कि महिला समूह की सक्रिय सदस्य व बकरी पालक रानी ओझा ने सबसे पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं जिला खनिज संस्थान न्यास के अभिसरण से बनाये गये बकरी शेड निर्माण के लिए शासन का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने आगे बताया कि जब बकरी शेड निर्मित नहीं था तब बकरियों को खुले आसमान के कारण बीमारी होने का हमेशा डर लगा रहता था। सुरक्षित जगह नहीं मिलने से बकरी पालन करने में भी कठिनाईयां आ रही थी। बकरी पालन करना संभव नहीं है करके मन में निराशा का भाव आ जाता था। जनपद पंचायत कुरुद के माध्यम से स्व सहायता समूहों के आजीविका संवर्धन हेतु बकरी शेड निर्माण से आगे बढऩे का नया आयाम मिला। शुरुआत में 11 बकरियों की खरीदी समूह द्वारा किया गया था। बकरियों की अच्छी तरह से देखभाल होने से सेहत में वृद्धि हुई और बाजार में पांच बकरी की बिक्री करने पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 26 हजार की आमदनी हुई। इससे समूह की आय में इजाफा हुआ। आय से प्राप्त राशि का उपयोग घर की मरम्मत कार्य में लगाया। परिवार की आर्थिक स्थिति में सुदृढता आयी। वर्तमान में बकरी पालन से आजीविका में बढ़ोत्तरी के लिए 40 नग बकरी का क्रय किया गया है। इससे समूह की आर्थिक स्थिति पहले से और बेहतर होगी।

      ग्राम पंचायत सरपंच सुनीता बाई साहू ने बताया कि- रानी ओझा बकरी पालन के इस व्यवसाय को जीवकोपार्जन का आधार बनाकर और आगे बढ़ाना चाहती है। बकरी शेड निर्माण से सुरक्षा का इंतजाम हुआ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और जिला खनिज संस्थान न्यास के अभिसरण से यह कार्य संभव हो पाया। बकरी पालन के व्यवसाय से जुड़ी अन्य महिलाओं के लिए  रानी ओझा प्रेरणा बनी।

      जिला पंचायत धमतरी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी  रोमा श्रीवास्तव ने बताया कि - विकासखंड धमतरी में 22, कुरुद में 12, मगरलोड में 01, नगरी में 09 कुल 44 कार्य के लिए राशि - 48 लाख 64 हजार रुपए की स्वीकृति से स्व सहायता समूहों के आजीविका संवर्धन हेतु बकरी शेड निर्माण किया गया। बकरी पालन करने वाले समूहों के पास उसका आशियाना नहीं रहने के कारण कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता था। शेड के अभाव में समूह की महिलाएं बकरियों को कड़ाके की ठंड, गर्मी, बरसात में चारा चरने के लिए छोड़ देते थे। अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और जिला खनिज संस्थान न्यास मद (डीएमएफ) की राशि से शेड निर्माण कर आ रही समस्या से निजात मिला।


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