प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय धमतरी द्वारा सेवा केंद्र पर बहुत ही धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड

धमतरी। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय धमतरी द्वारा सेवा केंद्र पर बहुत ही धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। सेवाकेंद्र पर बहुत ही सुंदर झांकी सजाई गइ थी जो नई दुनिया सतयुग की स्मृति दिला रही थी। एक तरफ राधे कृष्ण की चैतन्य झांकी झुला झूलते  हुए आकर्षण का केंद्र बनी हुइ थी, झुला झुलना प्रसन्नता की ,सदा खुश एवम हलका रहने की निशानी है, दूसरी तरफ  श्रीकृष्ण की रास लीला का दृश्य हमें भी सबके साथ रहते संस्कार मिलन की रास करना सिखा रहा था।

      इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नेहा पवार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मेघा साहू नायब तहसीलदार गुरुर ,सरिता दीदी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देते हुए नेहा पवार ने कहा ब्रह्मा कुमारिज के इस पावन स्थान पर पहली बार आने का अवसर मिला है यहाँ का आध्यत्मिक वातावरण एवम सभी खुशनुमा चेहरे बहुत अच्छा लग रहा है पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया है। नायब तहसीलदार मेघा साहू ने कहा आज हम श्रीकृष्णजी के कर्मो को, उपदेशों को याद कर रहे है , सभी माता पिता अपने बच्चों को श्रीकृष्ण भगवान की तरह बनाना चाहते है।

      सरिता दीदी ने कहा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व हम सबको सिखाता है कर्म योग, कर्म करते हुए एक ईश्वर को याद करने से कर्म में कुशलता आती है। श्रीकृष्ण जी को योगेश्वर कहा जाता है उन्होंने जो योग सिखा वह राजयोग ही था और अर्जुन को भी राजयोग की शिक्षा दी थी। वर्तमान समय परमात्मा शिव हमें राजयोग की शिक्षा देकर सर्वगुण संपन्न बनाकर ऐसी सुंदर श्रीकृष्ण की दुनिया में ले जा रहे है अत: आप सभी से निवेदन राजयोग मैडिटेशन के लिए ब्रह्मा कुमारिज के सेवाकेंद्र पर जाकर यह राजयोग जरुर सीखे रास किया तो श्रीक्रष्ण जी ने ,न्याय किया तो श्रीक्रष्ण जी ने , अधर्म का नाश किया तो श्रीकृष्ण जी ने हर परिस्थिति में वे सदा मुस्कुराते रहे और हमें भी आज यही सिखा रहे है।

      उदबोधन के बाद बच्चो ने श्रीक्रष्ण लीला की बहुत सुन्दर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की,बच्चो और माताओ ने भी बहुत सुन्दर डांस प्रस्तुत किया। अंत में सभी भाई बहनों ने बहुत सुन्दर रास किया। सभी को माखन मिश्री सेब और केक खिलाया गया।कार्यक्रम का संचालन कामिनी कौशिक ने किया ।

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