संजय छाजेड़।
धमतरी। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जिला धमतरी ने सभी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी की बैठक ली जिसमें मुख्य मुद्दा धर्मांतरण के प्रति प्रशासन के क्रियाकलापों में उदासीनता का दिखाई देना था। इस कार्यशाला में मुख्य रूप से कार्यक्रम संचालक मोहन साहू द्वारा सभी प्रार्थना सभा के दस्तावेजों की जांच करवाने की बात कही गई। जिला अध्यक्ष संदीप अग्रवाल द्वारा उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर कर चर्चा करने की बात कही गई कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडों के युवाओं को जिला मंत्री रामचंद्र देवांगन एवं गौरव जैन द्वारा विशेष प्रशिक्षण देने की तैयारी के विषय में समझाया गया।
विश्व
हिंदू परिषद के जिलाकार्यकारी अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने कार्यकर्ताओं को बताया की
हमारे संविधान में अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया है जिसमे
अनुच्छेद 25 में प्रत्येक व्यक्ति को अन्त: करण की और किसी भी धर्म को मानने की, आचरण
करने की तथा प्रचार प्रसार की इजाजत देता है,परन्तु किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति के
धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता है। इसी प्रकार अनुच्छेद 26 में धार्मिक कार्यों के प्रबंध
की स्वतंत्रता है जिसमें व्यक्ति अपने धर्म के लिए संस्थाओं की स्थापना, पोषण,प्रबन्ध,जंगम
और स्थावर सम्पत्ति अर्जन और स्वामित्व का एवम विधि के अनुसार प्रशासन करने का अधिकार
दिया गया है,पर किसी और धर्म के व्यक्ति पर यह आरोपित नहीं किया जा सकता इस पर राज्य
सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।अनुच्छेद 27 में किसी विशेष धर्म के लिए करों के
भुगतान की स्वतंत्रता, राज्य कभी भी कर नहीं ले सकती उस राशि पर जिसकी आय सीधे धर्म
विशेष के प्रचार या प्रबन्ध में होती हो। अनुच्छेद 28 में शैक्षणिक संस्थानों में धर्म
विशेष की पूजा और आराधना के सम्बंध में है, इसके अंतर्गत शासन द्वारा संचालित, मान्यता
प्राप्त, अनुदान प्राप्त किसी भी संस्था में धार्मिक शिक्षा की इजाजत नहीं दी गई है,
परन्तु यदि कोई धर्म विशेष या ट्रस्ट ,धार्मिक समूह,धार्मिक शिक्षा हेतु कोई संस्थान
चलाता है तो उसमें छूट की पात्रता है,नाबालिग के विषय में उनके अभिभावकों की अनुमति
विशेष रूप से आवश्यक होगी।कार्यक्रम में दीपक ठाकुरजी द्वारा धर्मनिरपेक्षता को भी
समझाया गया कि इसे42वे संविधान संशोधन में जोडा गया है, इसके अंतर्गत भारत में सभी
धार्मिक समुहों को बिना भेदभाव के समान शक्तियां प्राप्त हैए फिर भी लोभ, लालच,बहलाना,
फुसलाकर या बल पूर्वक दूसरे धर्म के लोगों के अंतरण की इजाजत किसी भी कीमत पर नहीं
देता है, ऐसा करना किसी भी धार्मिक संस्था द्वारा संविधान में दी गई शक्तियों का उल्लंघन
माना जाएगा जो कि आपराधिक एवम दाण्डिक मामलों
में आएगा,यहाँ पर धर्म पूरी तरह से निजी मामला है, इसमे अंतरण किया जाना सर्वथा अनुचित
है।
विश्व हिन्दू परिषदए बजरंग दल के दायित्व वान कार्यकर्ताओं को कार्य अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया कि धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों की कार्यशाला प्रत्येक गांव और वार्डों में लगाई जाए ताकि सभी को अपने संवैधानिक अधिकारों की जानकारी हो सके।देश में बहुत से राज्यों में धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं जिसमे 2 से 3लाख रुप, का जुर्माना और 3 से10 साल तक की कैद का भी प्रावधान है,ओडिसा ,मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश ,झारखंड,उत्तराखंड, कर्नाटक आदि राज्यों में कठोर कानून लागू हैए इसी तरह की व्यवस्था की आवश्यकता छत्तीसगढ राज्य में भी है, इस विषय पर विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल राज्य सरकार से धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून बनाने की मांग करेगा।