संजय
छाजेड़।
धमतरी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली के द्वार दयाल सिंह कॉलेज यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली में दिनाक 16 एवं 17 मार्च 2024 से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था। जिसमे मानव अधिकार से संबंधित घटनाओं पर विशेष रुप से चर्चा किया गया एवं प्रशिक्षण भी दिया गया। जिसमे छत्तीसगढ़ से मानव अधिकार न्याय आयोग के प्रेसिडेंट डॉ एस मधुप जो जिला एवं सत्र न्यायालय में मेडिकल ऑफीसर इंचार्ज के पोस्ट पर कार्यरत है। जो प्रशासनिक कार्य के साथ साथ समाजिक कार्य भी बखूबी करते आ रहे है। इसी सब कार्य को देखते हुए डॉ एस मधुप को इस भव्य आयोजन में विशेष रुप से प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया गया था। इनका जो लेक्चर था कन्या भ्रुण हत्या कानून जो 1994 में प्रथम बार कानून बनाकर सम्पूर्ण भारत में एक साथ लागू किया गया था। फिर इसे और अधिक मजबूती के साथ फिर इसे 2003 में और सुधार कर लागू किया गया जो आज भी लागू है। लेकिन अभी भी जो परिणाम मिलना चाहिए वो नही मिल रहा है। इसी के साथ और कारगर साबित हो उसी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं विचार विमर्श रखा गया था। मजबूत और शक्तिशाली कैसे जो आज मानवता के लिए और खासकर स्त्री जाति के लिए सबसे बड़ा जघन्य अपराध है। क्यू जन्म से पहले ही बेटी को मार दिया जा रहा है जो समाज के लिए अभिशाप बन गया है। इस पर कैसे रोक थाम किया जाय और अपने समाज को एक नई दिशा के साथ स्त्री और पुरूष के प्रकृति रूप से बराबर कर एक अच्छा समाज और खुशहाल जीवन जिया जा सकता है और प्रकृति के संतुलन बनाए रखे जाए ताकि समाज में लडक़ा और लडक़ी की कमी ना हो । डॉ मधुप को विशेष रूप से समानित किया गया और इसी तरह समाज के अंतिम पंक्ती ें खडे लोगो को जागरूक कर मानव अधिकर के हनन को रोकने का काम करते रहेंगे।
इस मौके पर सूरज देव कुशवाहा वाइस प्रेसिडेंट मानवाधिकार न्याय आयोग छत्तीसगढ़ के अलावा स्टेट जीआईएस एक्सपर्ट वाटर हार्वेस्टिंग डिपार्टमेंट छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को भी विशेष रूप से बुलाया गया और उनको सम्मनित किया गया और उनको भी सम्बोधित करने का मौका दिया गया जिनका विषय था एसटी,एससी एक्ट का विशेष रूप से उपयोग और दुरुपयोग पर कैसे इसे और अधिक मजबूत और गैर एसटी एससी लोगो के लिए सुरक्षित किया जा सकता है। अतिथियो को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।