पी.एम.ओ.ने सभापति की शिकायत पर कचरा कांड के जांच हेतू कलेक्टर को दिये निर्देश

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़।

धमतरी। कचरा संग्रहण केंद्र ट्रेचिंग ग्राउंड दानीटोला से कचरा को एनजीटी के निर्धारित मापदंड में निपटारा ना किया जाकर बाईपास सड़क तथा कुलिया गांव (भेजा)जिला बालोद  में फेंके जाने की शिकायत को सही पाकर आयुक्त ने संबंधित कंपनी पर 5 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया था। लेकिन कार्रवाई को संतोषजनक ना मानते हुए नगर निगम के सभापति अनुराग मसीह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रिंसिपल बेंच एन.जी.टी., केंद्रीय नगरी प्रशासन मंत्रालय, केंद्रीय ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्री भारत सरकार, को इस गंभीर लापरवाही पूर्वक कार्य से प्रमाणित दस्तावेज, फोटोग्राफ्स तथा समुचित साक्षी  को पत्र लिखकर 15 सितम्बर को अवगत कराते हुए मांग  किये थे कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छता के राष्ट्रव्यापी पुनीत उद्देश्य के लक्ष्य को ऐसे ठेकेदारों के रहते प्राप्त नहीं किया जा सकता है। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन पोर्टल PMOPG/D/2023/0213544 दिनांक 5/10/2023 के माध्यम से कलेक्टर को निर्देश दिए हैं तथा  कहा है कि इसकी जांच अविलंब तीन दिवस के भीतर किया जाए,

         कलेक्टर ने भी नगर निगम को पत्र की मूल प्रति को भेज कर  वास्तविकता के संबंध में बात सामने लाने हेतु प्रतिवेदन मांगा है जिससे नगर निगम में खलबली मची हुई है ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव से पूर्व नगर निगम में विपक्ष के पार्षदों ने भी इस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन घेराव तो किया ही था तत्पश्चाप क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू ने भी वास्तविकता को जांचने के लिए बाईपास सड़क पहुंचे थे गौरतलब है की कचरा निष्पादन किए जाने हेतु अनुबंध कंपनी आयुषी हाइजीन एंड केयर कंपनी सी 93 महावीर विहार सेक्टर 1 द्वारका नई दिल्ली को एक करोड़ 32 लाख का ठेका दिया गया था जिसमें से नियम विरुद्ध 90 लाख रुपए का भुगतान हो गया है जबकि उक्त कंपनी ने एनजीटी के नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड  में गड्ढा खोदकर पहले डाल कर ढककर धुल झोकने का प्रयास कर अनियमितता बरती गई है उसके बाद शहर से बाहर कचरे को फेंक कर आम जनमानस के जीवन के लिए  खतरा पैदा किया गया  तथा वायुमंडल को प्रदूषित करने का प्रयास भी हुआ जिसकी शिकायत गांव वालों तथा बायपास के किसानों ने नगर निगम में आकर की थी, यहां तक की अनुबंध के शर्तों का पालन भी न करते हुए पॉलिथीन(झिल्ली )को सीमेंट फैक्ट्री में उपयोग के लिए ना भेज कर स्वच्छ भारत के मिशन को ही धत्ता बताया गया ,अब देखना यहा है कि नगर निगम इस पर देश के स्वच्छता को केंद्र बिंदु बनाकर कार्य करने वाली प्रमुख कार्यालय पीएमओ के इस पवित्र  जनहितकारी भावना को ही अंधेरे में रखती है या फिर समुचित कार्यवाही विधिवत कर स्वच्छता के मिशन के साथ न्याय कर अपने दायित्व व कर्तव्य का पालन निगमहित, जनहित, नगर हित के साथ न्याय करेगी।

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