जीवन के प्रत्येक क्षण को उत्सव। रूप में जीना सिखाता है कृष्ण चरित्र: आनंद पवार

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर समीपस्थ ग्राम देमार के महामाया प्रांगण में तीन दिवसीय राम धुनि प्रतियोगिता के तृतीय दिवस शुभारंभ के मुख्य अतिथि मां विंध्यवासिनी बिलाई माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री आनंद पवार एवं विशिष्ट अतिथि युवा कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष गुरु गोपाल गोस्वामी के रुप में उपस्थित रहे।
गुरु गोपाल गोस्वामी जी ने कहा कि भगवान कृष्ण के जीवन के प्रत्येक आश्रम से हमें जीवन जीने की सीख मिलती है,उनके जन्म से लेकर स्व लोकगमन तक कि प्रत्येक घटना उनके समक्ष चुनौती की तरह आई और हर चुनौती का सामना करके उन्होंने विजय प्राप्त की और भगवान श्री कृष्ण के नाम से जाने गए।
युवा नेता आनंद पवार ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रतिपल हर कार्य उत्सव हो, श्री कृष्ण उसी के प्रतीक हैं, इसलिए आज के व्यस्ततम जीवन में आनंद और संतुष्टि के लिय श्री कृष्ण हमारी मांग नहीं आवश्यकता होनी चाहिए ।
श्री कृष्ण ने प्रतिकुलताओ से पार पाकर सफलता के नए आयाम स्थापित किए, उन्होंने अपने प्रति हुवे विरोध को द्वेष नहीं अपनी ऊर्जा बनाकर विजय का मार्ग प्रशस्त किया, वे सचमुच इस दृष्टि से महायोगी थे कि गोपियों के साथ नृत्य भी शामिल हो जाते हैं और देह त्यागते हुवे भीष्म की सरशैय्या के पास भी उपस्थित रहते हैं। वे मथुरा की जेल में अवतार भी लेते हैं कालिया नाग की भी रौंद देते हैं, कुरुक्षेत्र में गीता भी गा लेते हैं। होठों में बंसी रख बंशीधर हो जातें हैं, तो हाथों में चक्र लेकर चक्रधारी भी बन जातें हैं।
सत्य तो यह है कि श्रृंगार और शौर्य के संतुलन का नाम ही कान्हा है।अन्य अतिथियो में विक्रांत पवार ज्ञानेश्वर चौहान, तुषार जैस, दिनेश सहित, संतोष सिन्हा, ओम प्रकाश साहू, विजय कुंभकार, ईश्वर रामटेके,अनिरुद्ध कुम्भकार, गौतम साहू, रघुवीर रामटेके, नारायण पटेल, तेजराम साहू, संतराम साहू, शीत कुमार साहू सहित बड़ी संख्या में ग्राम वासी सम्मिलि हुवे,सरपंच श्रीमति शीतल मीनपाल,संतोष पटेल सोसायटी व्यवस्थापक,खिलेश्वरी साहू,गुरुगोपाल साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।


 

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