विस चुनाव नजदीक , पदाधिकारी चंदा उगाही में मस्त , भोजन व्यवस्था पर भी कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त नाराज़गी

धमतरिहा के गोठ
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 धमतरी । प्रदेश में कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुरे प्रदेश  में कांग्रेस के पदाधिकारी से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज  कर संकल्प  शिविर के माध्यम से शपथ दिला रहे हैं कि प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनाना है इसी कड़ी में  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिले के तीनो विधानसभा क्षेत्र में आयोजित संकल्प शिविर में भाग लेने धमतरी आगमन हुआ लेकिन मुख्यमंत्री के आगमन से पुर्व संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन पर होने वाले खर्च को लेकर चंदा उगाही प्रारम्भ कर दिया गया | बताया जाता है की सर्वप्रथम सोसायटी के लोगों से 5०-50 हज़ार रुपये की मांग की गई थी लेकिन अनेक लोगों ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराइ इनका कहना था के उक्त पदाधिकारी अपने कार्यकाल के दौरान रेत उत्खनन, सप्लाई  ठेकेदारी भी स्वयम कर रहा है और खर्च के नाम पर हमसे राशि माँगा जाना पुर्णतः गलत है तत्पश्चात दावेदारों से चंदा उगाही की बात सामने आई कुल मिलाकर विस चुनाव सर पर है लेकिन उक्त पदाधिकारी वसूली अभियान में मस्त है | यही नहीं मुख्यमंत्री के पुरानी कृषि उपज मंडी आगमन पर दूरदराज से आये कार्यकर्ताओं को समय पर खाना नहीं दिया गया सीएम के जाने के पश्चात भोजन के स्टाल को खोला गया जिससे वहां पर भी स्थिति काफी बिगड़ गई कार्यकताओं ने इसके लिए संगठन से जुड़े एक प्रमुख को जिम्मेदार बताते हुए कहा गया की उनके द्वारा जानबूझकर भोजन के स्टाल को लेट खोला गया ये जानते हुए के कार्यकर्ता सुबह से इंतज़ार कर रहे हैं  लेकिन यह बात साफ़ हो गई थी की सीएम का आगमन देर से होगा बावजूद इसके इन्होने इस बात पर  ध्यान नहीं दिया यही कारण है की कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात् कार्यकर्ता  संगठन से जुड़े एक व्यक्ति को कोसते हुए अपने गंतव्य स्थान की ओर रवाना  हो गए |   हद तो यह है कि कार्यक्रम के विलंब होने से भूखे प्यासे लोगों को घंटों इंतजार कराया गया जिससे संगठन के चार चिन्हारियों में से एक पर खूब भड़ास निकाली और उन पर कार्यकर्ताओं को भूखे मारने का आरोप भी लगता रहा। कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात चंदा वसूली को लेकर जुतमपैजार की स्थिति भी निर्मित हुई है।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने जिस प्रकार कुछ प्रत्याशियों की घोषणा की है, उसे देखते हुए कांग्रेस के संगठन द्वारा भी इसकी तैयारी भी व्यापक रूप से की जा रही है। इसी अवधि में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी कार्यक्रम जिले के तीन विस क्षेत्रों में रखा गया था। एक-एक घंटे के निर्धारित कार्यक्रम के चलते शुक्रवार को मौसम में जबरदस्त बदलाव आया जिसके कारण मुख्यमंत्री को हेलीकाप्टर छोडक़र कार का सहारा लेना पड़ा। इसी वजह से धमतरी के कार्यक्रम में वे विलंब से पहुंचे। यहां के आयोजनकर्ताओं ने कार्यकर्ताओं को संभालने अथवा उनके आगमन पर आयोजित स्वल्पाहार में जान बूझकर विलंब किया और यहां उपस्थित हुजूम स्वल्पाहार के अभाव में भूखे प्यासे इधर उधर मंडराते रहे। मंडी के आसपास की होटलों का पूरा सामान बिक गया था। सैकड़ों लोगों को भोजन और पानी के लिये इधर उधर मुंह ताकना पड़ रहा था। हालांकि संगठन के लोगों द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन समय पर भोजन नहीं मिलने के कारण अपने प्रिय नेता का इंतजार तो करते रहे परंतु कांग्रेस संगठन के प्रमुख पर जबरदस्त प्रहार करते हुए उनको लगातार इस प्रकार की लापरवाही के लिये आड़े हाथों लिया गया। कार्यक्रम संमाप्ति के बाद यहां भोजन परोसा गया। लेकिन अधिकांश लोगों ने अव्यवस्था के चलते इसका लाभ नहीं लिया और वे आक्रोशित होकर वहां से अपने गंतव्य को रवाना हो गये।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के नगर आगमन को लेकर खाने की व्यवस्था हेतु संगठन के कुछ लोगों के साथ साथ सोसायटियों से भी हजारों रूपये चंदे की मांग की गई और जब संगठन से जुड़े कुछ लोगों द्वारा खाने की व्यवस्था किये जाने हेतु दिये गये राशि के बाद भी उनके समर्थकों को समय पर भोजन उपलब्ध नहीं कराये जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की जिस पर संगठन के कुछ नेताओं ने इसका कारण जाना तो आयोजनकर्ताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री के आने के बाद ही उन्हें भोजन परोसा जायेगा जिससे वे क्षुब्ध रहे। कार्यक्रम में विलंब के बाद भी मुख्यमंत्री बिगडते मौसम की परवाह किये बिना धमतरी में आकर सीधे मंच पर पहुंचे और उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को संकल्प दिलाकर यह कहा कि सभी को अधिकृत प्रत्याशियों के लिये काम करना होगा। संबोधन पश्चात मुख्यमंत्री श्री बघेल के जाने के बाद यहां भूखे प्यासे बैठे कार्यकर्ताओं ने आयोजकों पर खूब नाराजगी जाहिर की और भूखे प्यासे रखने का आरोप लगाया। इनका तर्क था कि कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर वे सुबह 11 बजे से पुरानी कृषि उपज मंडी में बैठे हुए थे जिसे नेताओं ने भी देखा। दोपहर हो जाने के बाद भी उन्हें जब भोजन, पानी नहीं मिला और उनकी सुध किसी ने नहीं ली तब उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने इस प्रकार की व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की। इन्होंने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में होने वाले मतदान के समय ऐसी बड़ी-बड़ी बातें उठकर कार्यकर्ताओं को विरोध की ओर धकेल देती हैं जबकि इन्हें भोजन समय पर मिल जाना चाहिये था।

शहर से हुए चंदे को लेकर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। एक ओर व्यवस्था को लेकर संगठन के एक पदाधिकारी ने मंच एवं व्यवस्था को लेकर एक अधिकारी पर अनावश्यक दबाव डाला। चूंकि यह मामला कांग्रेस का था, इस वजह से इस मांग को उन्होंने नकार दिया तब संगठन के लोगों द्वारा चंदा और भोजन के नाम पर भारी राशि वसूल की गई है। अव्यवस्था को लेकर उसकी चर्चा समूचे जिले में चर्चित हो गई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि साढ़े चार साल गुजर जाने पर भी संगठन से जुड़े चार चिन्हारी जिनमें से एक पर आपत्तिजनक  वीडियो वायरल करने का भी आरोप है, ऐसे लोगों द्वारा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर अच्छा खासा कांग्रेस के प्रदर्शन को शिथिल किया जा रहा है। तुर्रा यह कि रेत खदान सप्लाई जैसे कार्यों में ऐसे नेताओं ने साढ़े चार साल गुजार दिये। लेकिन कार्यकर्ताओं की सुध लेने की इन्हें फुर्सत नहीं है। संगठन जिस प्रकार चल रहा है, उसमें महिला कांग्रेस भी पीछे नहीं है। इनकी लापरवाही से ही आगामी विस चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब देखना है कि राजधानी में बैठे नेताओं द्वारा धमतरी के कार्यकर्ताओं के साथ हुए भेदभाव को संज्ञान लेकर संगठन के नेताओं पर क्या कार्यवाही करता है।

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