छग राज्य विद्युत मण्डल कर रहा नागरिकों के जान के साथ खिलवाड़ सड़े हुए खंभे दे रहे अनहोनी घटना को आमंत्रण

धमतरिहा के गोठ
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संजय जैन 

धमतरी । छग राज्य विद्युत मण्डल में जबसे नये अधिकारी आये हैं, तबसे आम नागरिकों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। शिकायत जब कार्यालय के फोन नंबर पर की जाती है तो कोई फोन उठाने वाला नहीं रहता जिससे कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। इसी तरह किसी के वार्ड में विद्युत व्यवस्था ठप्प हो तो उसमें भी पहुंचने में देरी लगती है। अधिकारी को फोन लगाने पर उनके मोबाईल व्यस्त रहते हैं। इस बरसात में कलेक्टोरेट जाने के मार्ग पर हरियाली होटल के समीप बारिश होते समय स्पार्क हो रहा था, जब इसकी सूचना जागरूकों द्वारा दी गई तो फोन उठाने को कोई तैयार नहीं हुआ। हद तो यह है कि शहर के 40 वार्डों में कुछ पोल सड़ गये हैं, उन्हें बदलने की भी सुध विभाग को नहीं है जबकि इसकी शिकायत वार्डवासियों द्वारा कई बार की जा चुकी है और सुधार की मांग की गई थी। लेकिन इसका अभी तक सुधार नहीं हुआ। यह मामला चंद्राकर बाड़ी के अंदर में देखा जा सकता है। चंद्राकर बाड़ी में लगे पोल की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि कभी भी यह पोल गिर सकता है और बड़े जन-धन की हानि से इनकार नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही समझ से परे हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ चंद्राकर बाड़ी में ही सड़ा हुआ पोल लगा है, शहर के अन्य इलाकों में भी इस तरह के पोल लगे देखे जा सकते हैं।

शहर विद्युत मण्डल के अधीन शहर के नये कनेक्शन, पुराने कनेक्शन देने, लेने के नाम पर भी कार्य किया जाता है। लेकिन जिन क्षेत्रों में निगम की एनओसी नहीं है, उसे भी कनेक्शन देने में ऐसे लोग काफी दिलचस्पी रखते हैं और भारी-भरकम भेंट पूजा लेते हैं। सुधार के नाम पर विभाग को प्रतिवर्ष लाखों रूपये आबंटित किये जाते हैं। इसके बाद भी समय-बेसमय विद्युत अवरोध किया जाता है जिससे नागरिक त्रस्त हैं। एक ओर कहा जाता है कि शासन द्वारा बिजली बिल हाफ की घोषणा की गई है, दूसरी ओर इन्हीं नागरिकों द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि बिजली बिल हाफ इसी शर्त पर किया गया है कि विभाग नागरिकों को अंधेरे में रखे और उससे बिजली की बचत कर शासन को लाभ पहुंचाये। विद्युत विभाग के अधिकारियों की दोमुंही नीतियों के चलते शासन की उक्त योजना भी लोगों के आक्रोश का कारण बन चुकी है। जागरूक लोगों का कहना है कि अघोषित बिजली कटौति जैसे कर यहां के अधिकारी धमतरी शहर को लगातार सताते आ रहे हैं, तुर्रा यह कि जब इसकी शिकायत करने संबंधित विभाग के फोन नंबर पर संपर्क किया जाता है तो वहां फोन उठाने वाला भी कोई नहीं रहता। इससे त्रस्त होकर जब अधिकारी को मोबाईल किया जाता है तो उनका मोबाईल रेंज से बाहर बताता है। कुल मिलाकर नागरिकों को विद्युत विभाग के ऐसे नादिरशाही रवैये का शिकार होना पड़ रहा है।

बिजली कटौति के साथ साथ लो-वोल्टेज की समस्या को भी देखने की फुर्सत नहीं है। बस इन्हें जहां भेंट-पूजा मिलती है, उस कार्य को ये अंजाम देते हैं। जैसे कि नया कनेक्शन एवं बिना अनुमति वाले विद्युत कनेक्शन, टेंपरेरी कनेक्शन जैसे कार्यों में ये अधिकारी रूचि लेते हैं। इन्हें नागरिकों की चिंता है ही नहीं, साथ ही साथ ऐसे जर्जर पोल जो तेज हवा के झोंके से कभी भी बड़ी दुर्घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, उसे सुधारे जाने की भी उन्हें फुर्सत नहीं है। इस मामले को लेकर धमतरिहा के गोठ के प्रतिनिधि से वार्डवासियों ने बताया कि सड़े हुए पोल की शिकायत अनेकों बार कर चुके हैं किंतु उनके कान में जूं तक नहीं रेंगी। विद्युत विभाग के निचले क्रम के अधिकारियों पर वरिष्ठ अधिकारियों की पकड़ नहीं होने के कारण ये बेलगाम हो चुके हैं। इसी वजह से नागरिकों की समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से नहीं किया जाता और जहां इन्हें टेंपरेरी कनेक्शन अनापत्ति प्रमाण पत्र बिना दिये कनेक्शन का मामला होता है, वहां ये एक बार फोन करने पर सारा काम संपादित कर देते हैं। पूर्व वर्षों में भी इस मामले को लेकर तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह से शिकायत की गई थी कि पॉवर हाऊस में लगे फोन पर कोई शिकायत नहीं सुनी जाती। वहां पदस्थ कर्मचारी फोन उठाते नहीं है, इस वजह से उन्होंने तत्काल फोन नंबर 07722233623 के अलावा 07722233123 को लगाने का निर्देश टेलीफोन एसडीओ को दिया था। इसके बाद भी दोनों फोन नंबर उठाने वाले कोई उपस्थित नहीं रहते।




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