संजय जैन
छ.ग. के अन्य किसान.. जिस तरह से कृषि करते हैं.. ठीक उसी तरह की कृषि डूब प्रभावित,लीज/पट्टे में लिए हुए या बटाईदार,रेगहा/अधिया लिए हुए भी किसान.. खाद, बीज,रसायनिक दवाई ,मजदूरी,कृषि यंत्र आदि.. ले दे कर.. व विपरीत मौसम एवम प्राकृतिक आपदाओं की मार को सहते हुए किसानी का कार्य करते है। वहीं ज्ञात हो कि डूब प्रभावित,लीज/पट्टे में लिए हुए किसान डूब से निकली हुई जमीन को सरकारी दर पर तय रेट के अनुसार सरकार से एक समय सीमा के लिए जमीन को पट्टे पर लेकर किसानी करते हैं लेकिन जब उनके उपज को सहकारी समिति में बेचने की बारी आती है तो छ. ग.राज्य के धूर्त कांग्रेसी सरकार की असली चेहरा उजागर हो जाती है और डूब प्रभावित,लीज/पट्टे में लिए हुए किसानो को केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही समर्थन मूल्य देकर "राजीव गांधी किसान न्याय योजना" के तहत अंतर की राशि को सन 2021 से देने इंकार कर दिया है।(जिसमे धमतरी जिले से लगभग 700 किसान शामिल हैं)इससे किसानों को उनके खून पसीने से कमाई उनके गाढ़ी कमाई का सही व उचित दाम लेने से वंचित कर दे रही है। यही है भूपेश बघेल का असली चेहरा जो एक तरफ तो सभी किसानों को 2500/देने का झूठा दंभ भरकर वाहवाही बटोरता है वहीं दूसरी ओर डूब से प्रभावित किसानों को उनके हक व अधिकारों से वंचित रखता है ज्ञात हो कि इन्ही के पूर्ववर्ती केंद्र सरकार इंदिरा गांधी ने इन किसानों का जमीन पानी में डुबो दिया जिसके मुआवजा के लिए आज भी किसान दर-दर भटक रहे हैं। यही है कांग्रेस सरकार का असली चेहरा जो हमेशा से हर वर्ग के साथ छल करती आई है।