संजय जैन
धमतरी -: मजदूर दिवस पर श्रम की पूजा करते हुए उसके प्रति आस्था श्रद्धा का भावना की अभिव्यक्ति करने के बजाए इस दिन को छत्तीसगढ़ की परंपरा संस्कृति व सभ्यता को अपने में समाहित किए हुए हमारा खान-पान का पर्याय बोरे बासी को मजाक के रूप में प्रस्तुतीकरण करने की निंदा भारतीय जनता पार्टी की तेजतर्रार महिला नेत्री पूर्व महिला मोर्चा की अध्यक्ष तथा वर्तमान पार्षद श्रीमती श्यामा साहू ने करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चाहिए कि जिस बोरे एवं बासी को पूरे वर्ष भर हम मजदूर लोग अपने जीवन के खानपान का अभिन्न हिस्सा मानते हुए अपनी दिनचर्या में नून चटनी के साथ समाहित किए हुए हैं उसे पूरे छत्तीसगढ़ सहित राष्ट्रीय पटल पर 1 दिन का प्रदर्शन की विषय वस्तु बनाना अनुचित है यदि इन्हें इतना ही दिखावा करना है तो जहां भी इनका प्रवास होता है वहां यह काजू किसमिस बादाम छोहारा सहित अन्य लजीज व्यंजनों को पूर्णता प्रतिबंध लगाते हुए पूरे प्रशासन पूरे प्रशासनिक कार्यक्रम तथा जितने भी सरकारी बैठक होती है उसमें जैसे दक्षिण में वहां के नाश्ते का पर्याय इडली और डोसा को माना जाता है वैसे ही छत्तीसगढ़ के खानपान व परिवेश का पर्याय हमारे आस्था श्रद्धा के साथ भरण पोषण करने वाले बोरे बासी को माना जाए ऐसा कोई कदम उठाएंगे तो व छत्तीसगढ़ के करोड़ों जनता के साथ अन्याय होगा आगे श्रीमती श्यामा साहू ने कहा है कि जिस दिन से बोरे बासी को आइडल के रूप में प्रचारित किया जा रहा है उस दिन से पूरे छत्तीसगढ़ में प्रकृति भी बेमौसम बरसात करते हुए यह चेतावनी दे रही है कि अब छत्तीसगढ़ महतारी के साथ उसकी परंपरा और संस्कृति से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं होगी ये आने वाले समय के लिए चेत जाएं नहीं तो इससे भी भयंकर परिणाम आएगा।