गांव-गांव, गली-गली बिक रही अवैध शराब, आबकारी विभाग निष्क्रिय

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 
धमतरी 14 अक्टूबर। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 12 से 14 अक्टूबर तक प्रदेश के तमाम कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, वन मंडलाधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस बैठक में विशेषत: उन्होंने पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसरों को हिदायत दी कि वे शराब, गांजा जैसे नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिये मुस्तैदी के साथ कार्य करें। ऐसे नशीले पदार्थों के सेवन से अपराध निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में धमतरी जिला भी अवैध शराब, नशीली दवाईयों का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। ऐसे लोगों पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी नजर रखे हुए हैं और गत दिनों से एक विशेष अभियान चलाकर अड्डेबाजी, नशाखोरी करने वालों के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। दुर्भाग्य के साथ यह बताना पड़ रहा है कि अवैध शराब बिक्री के मामले में संबंधित आबकारी विभाग पूरी तरह निष्क्रिय है जिन पर खोमचा वालों, अवैध शराब बनाने वालों पर कार्यवाही की जवाबदारी है। लेकिन ये उनसे मिलीभगत कर नशीले कारोबार को प्रश्रय दिये हुए हैं। फलस्वरूप शहर की गलियां और गांव-गांव में अवैध शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।
 पुलिस विभाग द्वारा नशे के कार्य में संलिप्त एक ओर कार्यवाही की जा रही है। यदाकदा अवैध शराब पकडक़र आरोपियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। नशीली टेबलेट के साथ साथ गांजा, हेरोइन की भी पिछले दिनों जप्ती की गई थी। पुलिस विभाग ने जो कार्यवाही की, वह कार्यवाही आबकारी विभाग को करना चाहिये था। इससे पूर्व के आबकारी अधिकारी ने अपने कार्यकाल के दौरान ऐसे अनेक ठिकानों पर छापा मारकर अवैध शराब बनाने वालों पर कार्यवाही की और सैकड़ों किलो लाहन जप्त किया। लेकिन पिछले कुछ महीने से ऐसी कार्यवाही शून्य है। खबर के मुताबिक उक्त आबकारी अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद आबकारी अमला नशे के अवैध ठिकानों पर मिलीभगत कर छापामार अभियान ही बंद कर दिया है। आबकारी विभाग पर यह भी आरोप है कि शराब दुकानों के आसपास लगने वाले खोमचों एवं ठेलों से भी वसूली की जा रही है। भखारा, कुरूद, नगरी, सिहावा, मगरलोड, धमतरी में भी अवैध शराब के साथ साथ महुआ शराब विक्रय किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। खबर तो यह भी है कि यहां पदस्थ कुछ लोग इस गैर कानूनी कार्य में लगे हुए लोगों से प्रतिमाह एक निश्चित राशि वसूली करते हैं जिसके कारण धमतरी जिला के ऐसे बेरोजगार और युवा वर्ग इसका सेवन कर अपराधों की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं। 
 आबकारी विभाग की कार्यशैली को लेकर जिले भर से विरोध के स्वर उभर रहे हैं। इनका ऐसा मानना है कि धमतरी जिला में अवैध शराब बनाने के कारोबार में संलिप्त लोगों से विभाग की पूरी तरह मिलीभगत है जिसके चलते ही जिले में बिक रही अवैध शराब को नहीं पकड़ा जाता। वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग की कार्यवाही की बात करें तो विभाग के द्वारा जिले के अनेकों स्थानों से अवैध शराब, शराब तस्करी, बिक्री की जप्ती कर संबंधितों पर आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है जिससे यह पता चलता है कि आबकारी विभाग पूरी तरह अवैध शराब को पकडऩे में जान बूझकर लापरवाही बरत रहा हेै। अब जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर अवैध शराब, नशाखोरी पर सख्ती से कार्यवाही करने का निर्देश दिया है, अब इसके परिपालन में आबकारी विभाग कार्यवाही करता है अथवा नहीं, यह तो भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है परंतु पिछले कई महीनों से जिले के विभिन्न ब्लाकों के गांवों में बनने वाली अवैध शराब की जप्ती नहीं की गई है। इस कारण जिले में इसकी चपेट में बेरोजगार, युवा वर्ग के लोग आ रहे हैं ओैर आबकारी विभाग में पदस्थ जिम्मेदार लोग कुर्सी तोड़ते नजर आ रहे हैं। इस संबंध में आबकारी अधिकारी से संपर्क कर उनका पक्ष लिये जाने का प्रयास किया गया परंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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