मराठा मिलिट्री लैंड स्केप संपूर्ण भारत के लिए गौरव का प्रतीक है - कविता योगेश बाबर

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़ 

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन जिसे हम यूनेस्को के नाम से जानते हैं उनका ४७ वा  सत्र इस समय पेरिस में चल रहा है इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है  बड़े ही हर्ष व गर्व की बात है कि कि इस सत्र में भारत की मराठा मिलिट्री लैंड स्केप को विश्व धरोहर सूची  में शामिल करने हेतु नामांकित किया गया है जिसमें मराठा साम्राज्य छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन  काल के समय निर्मित जो 17- 19 वी शताब्दी के मध्य निर्मित बारह किलों को जिनमें रायगढ़, प्रतापगढ़, पनहाला, जिंजी आदि को शामिल किया गया है जो कि मराठा साम्राज्य के सैन्य शक्ति रणनीति व निर्माण कला के लिए जाने जाते हैं जो महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित है इन 12 किलो के साथ साथ क़िले  के क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है इस तारतम्य में यूनेस्को की टीम ने विगत दिनों इन स्थलों का भ्रमण व निरीक्षण करने के पश्चात इनको नामांकित किया है और वर्तमान में इस पर चर्चा चल रही है वैसे तो पूरे विश्व के ३२ ऐतिहासिक जगहों को शामिल किया गया है मराठा सैन्य साम्राज्य छत्रपति शिवाजी महाराज की युद्ध कुशलता व सैन्य क्षमता को पूर्व समय से ही जाना माना जाता है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज की द्वारा सीमित संख्या में भी सैनिकों को लेकर अपने से बड़ी संख्या वाली विरोधियों के बीच में रणनीतिक कुशलता के बल पर विजय प्राप्त की थी और हिंदवी स्वराज की स्थापना की दिशा में क़दम बढ़ाया था आज यूनेस्को की इस सूची में शामिल होने कविता योगेश बाबर प्रदेश अध्यक्ष मराठा समाज ( म) व सदस्य जिला पंचायत ने कहा कि  सम्पूर्ण मराठा समाज के साथ साथ संपूर्ण भारत देश अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है

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