घर से गंगा जल लाकर, बावड़ी में पुनः जल संचरण के पुण्य कार्य से अपने आपको कृतार्थ कर दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करें

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़
दिनांक 5जून 2025दिन गुरुवार को गंगा दशहरा के दिन पर मां बिलाई माता विंध्यवासिनी दाई मंदिर की ऐतिहासिक पवित्र बावड़ी का जल अर्पित कर पुण्य लाभ अर्जित करें।,,,,,,
अंचल के समस्त देवी भक्त श्रद्धालुओं और सनातन धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि मां विंध्यवासिनी बिलाई माता दाई मंदिर परिसर स्थित पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी जिसे किन्हीं कारणों से मलबे से पाटकर बंद कर दिया गया था,, माता जी की प्रेरणा से नीचे तक सकुशल खुदाई और सीढ़ी भी पुराने स्वरूप में यथावत है, समस्त श्रद्धालुजनों की भावनाओं के अनुरूप बावड़ी की मरम्मत और सौंदर्यीकरण का कार्य अंतिम स्तर पर है।
संयोग से चूंकि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मां गंगा जी का अवतरण दिवस है, उक्त दिव्य तिथि पर बावड़ी के पुनः जल संचरण और संरक्षण की पहल करने का निर्णय मंदिर ट्रस्ट समिति ने लिया है, मंत्रोपचार कर बावड़ी को गंगा जल और नदियों सरोवरों के पवित्र जल डालकर जल स्त्रोत को पुनर्जीवित कर माता के अभिषेक और ज्योत जवारा के दिव्य महत्व के कार्य को संपादित करना है।
उक्त पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने और मां विंध्यवासिनी, देवी गंगा, मां महानदी का आशीर्वाद प्राप्त करने अपने अपने घरों से नदी या सरोवर का पवित्र जल लाकर बावड़ी को अर्पित कर पुण्य लाभ अर्जित करें।
दिनांक 5जून 2025
समय सुबह 11बजे से शाम 5बजे तक 
बिलाई माता विंध्यवासिनी मंदिर स्थित बावड़ी,,,🚩🙏🚩🙏🚩🙏🚩🙏🚩

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