छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल की गई, जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने दृष्टिबाधित दिव्यांग बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के तीन नवाचारी शिक्षको के द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई ब्रेल पुस्तक "आपदा से सबक" का विधिवत विमोचन किया। इस कार्यक्रम ने न केवल शैक्षिक समावेशन को प्रोत्साहन दिया, बल्कि समाज में दिव्यांगजनों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के प्रति शिक्षकों की संवेदनशीलता को दर्शाता है|
आयोजन का उपमुख्यमंत्री आवास रायपुर पर शिक्षकों, दिव्यांग विद्यार्थियों मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने ब्रेल पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया और पुस्तक को दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए एक “जीवन रक्षक मार्गदर्शिका” करार दिया।
संपादकीय टीम की भूमिका
इस विशेष पुस्तक के निर्माण में संपादकीय टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सुश्री के. शारदा, श्री धर्मानंद गोजे एवं श्रीमती प्रीति सांडिल्य ने इस पुस्तक के संपादन में अथक परिश्रम करते हुए यह सुनिश्चित किया कि विषयवस्तु दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए न केवल सुलभ हो, बल्कि उन्हें व्यावहारिक जीवन में उपयोगी प्रशिक्षण भी दे सके। पुस्तक की भाषा सरल, सटीक एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों, सावधानियों एवं उपायों से युक्त है। पुस्तक के निर्माण हेतु संपादकीय टीम ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), तथा विभिन्न विशेषज्ञों की सहायता से सामग्री संकलित की। यह पुस्तक विशेष रूप से विद्यार्थियों की समझ, अनुभव और दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
इस ब्रेल पुस्तक के संपादन राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सुश्री के. शारदा, श्री धर्मानंद गोजे एवं श्रीमती प्रीति शांडिल्य ने अथक परिश्रम और समर्पण से इसे तैयार किया। यह पुस्तक विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के 20 दृष्टिबाधित विद्यालयों के छात्रों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। कुल 100 प्रतियों को विभिन्न विद्यालयों में भेजा जाएगा, जिससे राज्यभर के दृष्टिबाधित विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव का वक्तव्य
विमोचन समारोह में बोलते हुए उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने संपादकीय टीम के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा- "यह पुस्तक दृष्टिबाधित बच्चों के लिए महज एक पठन सामग्री नहीं, बल्कि जीवन रक्षक उपकरण है। आपदा की घड़ी में यह उन्हें आत्मरक्षा, सूझबूझ और सुरक्षित व्यवहार की दिशा में प्रशिक्षित करेगी। संपादकीय मंडल एवं शिक्षकों का यह प्रयास निश्चित रूप से एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह पहल न केवल दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण की दिशा में कदम है, बल्कि समावेशी शिक्षा की ओर बढ़ता हुआ एक सार्थक प्रयास भी है।"
श्री साव ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार भविष्य में भी इस तरह के प्रयासों को सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के हर दिव्यांगजन को समान अवसर और साधन उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार कटिबद्ध है।
संपादक मंडल के विचार-
इस अवसर पर पुस्तक की संपादक राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षिका सुश्री के. शारदा ने कहा कि- "हमने दृष्टिबाधित विद्यार्थियों की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक की रूपरेखा तैयार की। हमारा लक्ष्य था कि आपदा के समय वे स्वयं को सुरक्षित रखने में सक्षम हों।"
सह-संपादक श्री धर्मानंद गोजे ने कहा कि- इस पुस्तक का विमोचन केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी पहल है, जो विशेष आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों को मुख्यधारा की सुरक्षा नीतियों से जोड़ती है। आमतौर पर आपदा प्रबंधन जैसे विषयों में दृष्टिबाधितों की भागीदारी कम मानी जाती रही है, परंतु यह पुस्तक इस धारणा को तोड़ती है। यह परियोजना शिक्षकों, आपदा विशेषज्ञों और ब्रेल तकनीशियनों के सामूहिक सहयोग से पूरी की गई है। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण में लगभग 6 महीने का समय और 20 से अधिक पुनरीक्षण सत्र लगे।
पुस्तक प्रभारी श्रीमती प्रीति शांडिल्य ने भी विचार साझा करते हुए कहा- "हमें खुशी है कि राज्य सरकार ने हमारे इस प्रयास को इतनी गंभीरता और संवेदनशीलता से अपनाया। हम आशा करते हैं कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के जीवन में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की भावना उत्पन्न करेगी।"
ब्रेल पुस्तक की विशेषताएँ
"आपदा प्रबंधन एवं बचाव" पुस्तक छत्तीसगढ़ ब्रेल विकास संस्थान की अत्याधुनिक ब्रेल प्रेस में मुद्रित की गई है। इसमें टैक्टाइल चित्र (स्पर्श चित्र), चार्ट्स और ब्रेल ग्राफ्स शामिल किए गए हैं, जो छात्रों को सामग्री को बेहतर ढंग से समझने में सहायक होंगे। पुस्तक कुल 100 पृष्ठों की है, जिसे खंडों में विभाजित किया गया है।
आपदा की परिभाषा एवं प्रकार, आपदा से पूर्व की तैयारी, आपदा के समय की रणनीति, बचाव एवं प्राथमिक उपचार, पुनर्वास एवं सहायता संसाधन ब्रेल पुस्तक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र इसे समूहों में पढ़ सकते हैं और शिक्षक इसके अनुसार अभ्यास सत्र चला सकते हैं।
निःशुल्क वितरण योजना-
विमोचित ब्रेल पुस्तक "आपदा प्रबंधन एवं बचाव" का वितरण छत्तीसगढ़ के 20 दृष्टिबाधित विद्यालयों में निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इसका सम्पूर्ण खर्च संपादक मंडल के सदस्य वहन करेंगे। प्रदेश में संचालित शासकीय/अशासकीय दृष्टिबाधित दिव्यांग बच्चों की संस्थाओं कों 100 ब्रेल बुक की प्रतियों कों सम्पादक मंडल के द्वारा निःशुल्क वितरित किया जायेगा यह विद्यालय अग्रलिखित है- अधीक्षक शा. दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा.विद्यालय सुन्दर नगर रायपुर, अधीक्षक शा. दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा. विद्यालय तिफरा बिलासपुर, अधीक्षक शा. दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ. मा. विद्यालय उ. मा. विद्यालय जगदलपुर, अधीक्षक दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय कांकेर, अधीक्षक शा. दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय कबीरधाम, अधीक्षक दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय जशपुर, प्राचार्य नेत्रहीन व विकलांग शिक्षण प्रशिक्षण विद्या आमाखेड़ा, मनेन्द्रगढ़ जिला कोरिया, अधीक्षक अभिलाषा, विकलांगों के कल्याणार्थ शिक्षण विद्यालय सह पुर्नवास संस्थान राजनांदगांव, प्राचार्य मानव जीवन ज्योति नेत्रहीन विद्यालय कुनकुरी (बतौली) जिला सरगुजा, सचिव, निःशक्तजन कल्याण सेवा समिति पामगढ़, जिला जांजगीर-चांपा, प्राचार्य रोटरी मूक बधिर व अंध विद्यालय इंदिरा स्टेडियम कोरबा, संचालक, दिव्य ज्योति नेत्रहीन विद्यालय चैता मैदान कैम्प 1 रोड 18 भिलाई, प्रोजेक्ट मैनेजर बस्तर सेवक मंडल कैथोलिक चर्च लालबाग जगदलपुर, महासचिव, नेत्रहीन कन्या विद्यालय एन.ए.बी. (प्ररेणा) हाउसिंग बोर्ड कालोनी हीरापुर रायपुर, प्राचार्य नंदा पब्लिक स्कूल भगवानपुर रायगढ़, सचिव अजीम प्रेम जी फाउण्डेशन सिहावा रोड जेम्स कालेज के पास धमतरी, डारेक्टर, रायगढ़-अम्बिकापुर हेल्थ एसोसिएशन पत्थलगांव बी.टी.आई. चौक जिला जशपुर, नेत्रहीन बाल विद्या मंदिर बैहामुंड़ा ग्राम पो. बैहामुड़ा, घरघोड़ा जिला रायगढ़, प्राचार्या एन.एफ.बी. ज्ञानदीप स्पर्श कन्या विद्यालय अभिलाषा परिसर बिलासपुर, प्राचार्य फॉरचून नेत्रहीन उच्च. मा. विद्यालय करमापटपर बागबाहरा खुर्द जिला महासमुंद छ.ग. के उपरोक्त विद्यालय को इस पुस्तक की निःशुल्क 100 प्रतियाँ प्रदान की जाएंगी, ताकि छात्र-छात्राएँ आपदा की स्थिति में आत्मनिर्भरता एवं सुरक्षा संबंधी निर्णय लेना सीख सकें।
यह पुस्तक विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, आग, चक्रवात आदि के दौरान सुरक्षा उपाय, प्राथमिक चिकित्सा, आपदा के बाद के पुनर्वास जैसे विषयों पर केंद्रित है। साथ ही इसमें कोविड-19 जैसी जैविक आपदाओं से सुरक्षा के उपाय भी सम्मिलित किए गए हैं।
भविष्य की योजनाएँ- कार्यक्रम में शिक्षकों ने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में इसी श्रृंखला में और भी विषयों पर ब्रेल पुस्तकें प्रकाशित करने की योजना है उदाहरण स्वरूप - सड़क सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, आत्मरक्षा एवं कानून, वित्तीय साक्षरता आदि।
"आपदा से सबक" ब्रेल पुस्तक का विमोचन केवल एक पुस्तक के लोकार्पण तक सीमित नहीं था, यह दिव्यांगजनों के प्रति समाज और सरकार की जवाबदेही और प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है। यह पहल न केवल दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को सुरक्षित जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता, समानता और अधिकार आधारित दृष्टिकोण को भी बल देगी। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव द्वारा किया गया यह विमोचन इस दिशा में एक प्रेरणादायक शुरुआत है।
ब्रेल पुस्तक का निर्माण अत्यंत जटिल प्रक्रिया है, जिसमें दृष्टिबाधितों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए विषयवस्तु का चयन, उसकी सरल भाषा में व्याख्या तथा टैक्टाइल अनुभव प्रदान करने वाली ब्रेल स्क्रिप्ट का प्रयोग आवश्यक होता है। इस संपूर्ण कार्य में संपादक मंडल की भूमिका अत्यंत प्रशंसनीय रही।