संजय छाजेड़
धमतरी -:सर्व यादव समाज छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु धमतरी प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उड़ीसा प्रदेश में यादवों की जनसंख्या करोड़ में है आज की स्थिति मंत्रिमंडल में एक भी सदस्य सम्मिलित नहीं है जबकि उड़ीसा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बीजू पटनायक जी को हराने वाला यादवों के नेता लक्ष्मण बाघ यादव जैसे व्यक्ति को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना दुर्भाग्य जनक है, जबकि उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया जाना था जैसे छत्तीसगढ़ में अरुण साव और विजय शर्मा जी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, इस तरह भाई लक्ष्मण बाघ यादव को उपमुख्यमंत्री बनाना था लेकिन आज वहां का समाज भी ठगा महसूस कर रहा है, छत्तीसगढ़ में दुर्ग विधानसभा क्षेत्र से 50000 से भी ज्यादा मतों से जीतने वाले गजेंद्र यादव को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना समाज के लिए दुर्भाग्य जनक है, उन्होंने बताया कि उड़ीसा प्रदेश के यादव समाज समाज के लोग अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे और छत्तीसगढ़ में भी वही स्थिति है,
श्री यदु ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा नियुक्त आयोग निगम मंडल में यादव समाज की घोर उपेक्षा की गई जबकि नव नियुक्त सदस्यों को उनके पदों से हटाकर प्रमोशन दिया गया है सरकार सालों बाद कर्मचारियों का प्रमोशन करते हैं यहां तो दो-तीन महीने में प्रमोशन मिल रहा है आज स्थिति बिलकुल विपरीत है एक तरफ सैकड़ो की संख्या में स्कूल में बंद हो रही है दूसरे तरफ शराब भट्टी खोलने का निर्णय बहुत ही दुर्भाग्य जनक है समझ में नहीं आ रहा है कि मां माननीय मुख्यमंत्री जी का ऐसा कौन सलाहकार है जो उनको गलत ढंग से प्रेरणा दे रहे हैं छत्तीसगढ़ के मुखिया और उड़ीसा के मुखिया दोनों आदिवासी समाज से हैं आदिवासी समाज और यादव समाज का चोली दामन का साथ है हम एक दूसरे की सामाजिक संस्कृति के माध्यम से जीवन यापन करते हैं लेकिन आज सामंजस्य स्थापित होने के बजाय समाज में असंतोष की स्थिति आ गई है,
माननीय मुख्यमंत्री जी उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ समाज की ओर से आग्रह है कि इन समाजों को सम्मान मिलना चाहिए ताकि समाज और सरकार के बीच में सामंजस्य स्थापित हो हमारे छत्तीसगढ़ में बहुत सारे समाज हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव पूर्व पार्टी संगठन के प्रमुखों से बैठकर चर्चा कर सरकार बनाने में मदद की अपील किए, लेकिन आज सरकार उनको पूछ नहीं रही है छग सरकार में सहभागी वनने हेतु आशा लाए बैठे हैं , जिसमे मानिकपुरी समाज, कोलता समाज, सारथी समाज, नगरची समाज ,माली समाज, सूर्यवंशी सतनामी, समाज कुशवाहा समाज अहिरवार, समाज राठौर समाज कहार समाज धाकड़ समाज वैष्णव समाज महार महार समाज लोधी समाज, गडरिया पाल समाज, यादव समाज, कंडरा समाज ,बसोड समाज, देवांगन समाज, अमात्य गोंड समाज , सांवरा समाज सोनकर समाज घासी घासियि समाज, गाडा समाज आदि को उचित सम्मान न मिलने से काफी ठगा महसूस कर रहे हैं,