सार्थक स्कूल में वार्षिक परीक्षा परिणाम एवं स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 

गौरीशंकर श्रीवास्तव सेवा समिति द्वारा संचालित मानसिक दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र – सार्थक स्कूल में सत्र 2024-25 के वार्षिक परीक्षा परिणाम की घोषणा एवं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य परीक्षण का आयोजन पालकों  की सहभागिता के साथ गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग धमतरी के पूर्व सहायक संचालक एवं समाजसेवी श्री लक्ष्मणराव मगर थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला चिकित्सालय धमतरी के डॉ. रचना पदमवार (कम्युनिटी मेंटल हेल्थ ऑफिसर)
  डॉ. रविकिशन शिंदे (शिशु रोग विशेषज्ञ),डॉ. प्रीति चांडक
(क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट) उपस्थित थे।स्कूल की वरिष्ठ प्रशिक्षिका श्रीमती मैथिली गोड़े ने बताया कि,इस वर्ष बच्चों की परीक्षा  वोकेशनल ग्रुप 1,वोकेशनल ग्रुप 2,
प्री प्राइमरी एवं प्राइमरी के फर्स्ट एवं सेकंड  क्लास की तर्ज पर ली गई है जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी बौद्धिक क्षमताओं के अनुरूप भरपूर प्रयास कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
परीक्षा परिणाम इस प्रकार रहे 
वोकेशनल ग्रुप-1: प्रथम – यज्ञदत्त साहू, द्वितीय – श्वेता मसीह, तृतीय – मनीष मंडावी
वोकेशनल ग्रुप-2: प्रथम – अर्जुन चक्रधारी, द्वितीय – निखिल जैन, तृतीय – करण खालसा
प्राइमरी ग्रुप: प्रथम – एकलव्य पटेल, द्विती एसडीएसय – प्राची सोनी, तृतीय – वत्सला साहू
प्री-प्राइमरी ग्रुप: प्रथम – भूपेंद्र साहू, द्वितीय – बेबी ध्रुव, तृतीय –करण नामदेव
सभी बच्चों को प्रमाण पत्र, पानी की बोतल, ड्रॉइंग कॉपी, रंगीन पेंसिल आदि उपहार स्वरूप प्रदान किए गए। बच्चों की सफलता की मुस्कुराहट ने वातावरण को खुशनुमा बना दिया।
मुख्य अतिथि लक्ष्मणराव मगर ने कहा कि, दिव्यांग बच्चों की सेवा वास्तव में ईश्वर की सेवा है। उन्होंने सार्थक के वर्षों से किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए बच्चों में आए सकारात्मक परिवर्तन की प्रशंसा की, कहा_बच्चों की मुस्कान  सार्थक प्रयासों की पहचान बन गई है।डॉ. रचना पदमवार ने कहा_ विशेष बच्चों को थोड़ी अतिरिक्त देखभाल की ज़रूरत होती है, लेकिन प्यार और समर्थन से वे भी असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।
डॉ. रविकिशन शिंदे ने अपने उद्बोधन में कहा कि, विशेष बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सही पोषण, समय पर टीकाकरण एवं स्वच्छता से इन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि संभव है। डॉ. प्रीती चांडक ने  
पालकों से आग्रह किया कि, वे शारीरिक रूप से सक्षम बच्चों को स्पेशल ओलंपिक जैसी गतिविधियों में शामिल कर उनके जीवन को नई दिशा दें। चिकित्सकों ने सार्थक द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सराहते हुए कहा कि, यहां शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों का समुचित ध्यान रखा जा रहा है, जो सराहनीय है।
सार्थक की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने ,बताया कि संस्था में बौद्धिक दिव्यांगता, स्पीच डिफिकल्टी एवं फिजिकल डिसेबिलिटी से जूझ रहे बच्चों के प्रशिक्षण एवं देखभाल में विशेष ध्यान  दिया जाता है। ये बच्चे सामान्य बच्चों की तरह पढ़ाई को लंबे समय तक याद नहीं रख पाते, फिर भी निरंतर अभ्यास और प्रशिक्षकों के सहयोग से शानदार प्रगति कर रहे हैं। प्रत्येक बच्चे की विशेष योग्यता जैसे खेल, ड्रॉइंग, डांस, कंप्यूटर आदि को पहचान कर उसे प्रोत्साहित किया जाता है।
कार्यक्रम उपरांत सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। विशेष रूप से बालिकाओं में मासिक धर्म की समस्याओं, इम्युनिटी की कमी, सर्दी-खांसी एवं लार गिरने जैसी समस्याओं की जांच कर आवश्यक दवाएँ निःशुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई।कार्यक्रम का संचालन संस्था की सचिव श्रीमती स्नेहा राठौड़ ने किया। इस अवसर पर संस्था के प्रशिक्षक देविका दीवान, काजल रजक, सुनैना गोड़े, आकाश आहूजा सहित समस्त पालकगण  उपस्थित रहे।


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