संजय छाजेड़
धमतरी। राज्य स्तरीय पुस्तक "आपदा प्रबंधन और बचाव (आशा की लहरें: आत्मविश्वास के साथ आपदाओं का सामना)" का भव्य विमोचन 13 अप्रैल 2025 को हुआ
रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में शिक्षा और आपदा जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में, राज्य स्तरीय पुस्तक "आपदा प्रबंधन और बचाव (आशा की लहरें: आत्मविश्वास के साथ आपदाओं का सामना)" का आधिकारिक विमोचन 13 अप्रैल 2025 को सिविल लाइन्स स्थित नवीन सर्किट हाउस, रायपुर में किया गया। इस अवसर पर माननीय आपदा प्रबंधन मंत्री श्री टंक राम वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और पुस्तक का विमोचन किया।
इस पुस्तक की संपादक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका श्रीमती के. शारदा हैं, जिन्होंने राज्य के सभी 33 जिलों के समर्पित शिक्षकों की टीम का नेतृत्व करते हुए इस अत्यंत उपयोगी प्रकाशन को तैयार किया।
यह पुस्तक प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार की आपदाओं, सुरक्षा उपायों तथा आपातकालीन परिस्थितियों में अपनाए जाने वाले व्यावहारिक कदमों की जानकारी सरल और सहज भाषा में प्रदान करती है।
पुस्तक की एक प्रमुख विशेषता इसमें सम्मिलित QR कोड्स हैं, जिन्हें स्कैन कर विद्यार्थी वीडियो सामग्री तक पहुँच सकते हैं। ये वीडियो न केवल पाठ्य सामग्री को सरल बनाते हैं बल्कि एनिमेशन, वास्तविक उदाहरणों और मॉक ड्रिल्स के माध्यम से इसे रोचक भी बनाते हैं, जिससे विद्यार्थियों की समझ और भी गहरी होती है।
इसके अतिरिक्त, दृष्टिबाधित छात्रों के लिए यह पुस्तक ऑडियो फॉर्मेट में भी उपलब्ध है, जिससे वे भी विषयवस्तु को समान रूप से समझ सकें। यह संसाधन नियमित और विशेष रूप से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों दोनों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर पुस्तक में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया, जो राज्य में शैक्षणिक और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। इस पुस्तक के सह-संपादक श्री धर्मानंद गोजे हैं तथा पुस्तक समन्वयक की भूमिका श्रीमती प्रीति शांडिल्य ने निभाई, जिनके सहयोग से यह परियोजना समय पर पूर्ण हो सकी।
पुस्तक लेखन में प्रमुख योगदान देने वाले शिक्षक हैं:
के. शारदा, धर्मानंद गोजे, प्रीति शांडिल्य, कृष्णपाल राणा, संतोष कुमार पटेल, पुष्पेंद्र कुमार कश्यप, संतोष कुमार तरक, ज्योति बनाफर, श्वेता तिवारी, शांतिलाल कश्यप, मधु तिवारी, रिंकल बग्गा, योगेश कुमार साहू, लक्ष्मण बंदेकर, यशवंत कुमार पटेल, विनोद कुमार डाडसेना, ममता सिंह, समीक्षा गायकवाड़, चंचला चंद्रा, महेन्द्र कुमार चंद्रा, ब्रजेश्वरी रावत, गुलजार बरेठ, रश्मि वर्मा, पूनम उर्मालिया, अनामिका चक्रवर्ती, शिवकुमार बंजार, अमरदीप भोगल, डोलामणि साहू, समता सोनी, नंदा देशमुख, वसुंधरा गोजे, शुभम तिवारी, रामलाल केवट, सुप्रिया शर्मा और डॉ. गोपा शर्मा।
अपने संबोधन में प्रभारी मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता लाने का यह आप सभी का पहला प्रयास है, जो अत्यंत सराहनीय है। मैं स्वयं भी एक शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभा चुका हूँ, इसलिए समाज में जागरूकता लाने के इस प्रयास के लिए आप सभी शिक्षकों को बधाई। जब भी ऐसा कोई जन-जागरूकता से संबंधित कार्य किया जाएगा, तो मेरा प्रत्यक्ष सहयोग सदैव आप सभी शिक्षकों के साथ रहेगा।)