धमतरी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हाथी शुभचिंतक वैभव जगने जो लगभग 6 सालो से हाथियो के प्रति लोगो को जागरूक करते आए है अपने पोस्टर पंपलेट के ज़रिए , कुछ लोगो ने वैभव जगने को काफी मना किया की हाथियो के चक्कर में न पड़े कुछ नही मिलेगा , ना ही कुछ होगा लेकिन जगने का हाथियो से प्रेम कुछ अलग ही है जिसके कारण वे हाथियो के जागरूकता के लिए अंबिकापुर भी गए , और लगभग 100 गांवो मे जाकर हाथियो का प्रचार प्रसार भी किए हैं और इन्होने हाथी के विषय में एक किताब भी लिखी जिसका नाम है मैं हाथी हु ,इस किताब में हाथियो के बारे मे लेख है खासकर छत्तीसगढ़ के हाथियो के बारे में इस किताब के जरिए वैभव जगने हाथी का आवाज बने है और लोगो तक हाथियो की पीड़ा को पहुंचाने की कोशिश किए है उनका कहना है की हाथी एक शांत स्वभाव का प्राणी है वह तब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता जब तक उसे खतरा महसूस न हो , हाथी शुभचिंतक जगने का एक सपना है की हाथी के विषय में एक स्क्रिप्ट लिखे जिसे डायरेक्ट और प्रोड्यूस साउथ इंडस्ट्री वाले करे , इनका सपना इस किताब में भी लिखा है