क्रीमीलेयर नियम लागू होने से एसटी,एससी के गरीबों को होगी सबसे ज्यादा फायदा -उमेश साहू

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड

धमतरी। सुप्रीम कोर्ट ने जबसे एससी, एसटी में क्रीमी लेयर की बात की है तबसे एससी, एसटी के वे परिवार जिनकी पारिवारिक आय 8 लाख से ऊपर है अब उन्हें डर सता रहा कि उनके बच्चो को अपनी सीट अनारक्षित कोटे से काटनी होगी अर्थात अब ऐसे एससी, एसटी  परिवार के बच्चे देश के किसी भी सरकारी पोस्ट या एंट्रेंस एग्जाम में आरक्षण का फायदा नहीं उठा पाएंगे।

      एक सर्वे के अनुसार आजादी के 70 साल बाद भी एससी, एसटी की 90 प्रतिशत सीटो पर कब्जा आज भी समृद्ध एससी, एसटी  ही फायदा उठा रहे है। ऐसे में ये कैसा न्याय की जिनके मां बाप की आय 8 लाख से ज्यादा हो वो आज भी यूपीएसी  में कम अंक लाकर आईएएस, आईपीएस में जा रहे । मेडिकल कालेज सीट एआईआईटी की सीट ले रहे । कई सरकारी पदों में तो यह 25 प्रतिशत अंक में हो जाता है । जबकि इतने नंबर पर कोई गरीब एससी, एसटी  परिवार के कैंडिडेट का अधिकार होता है। जैसा कि ओबीसी में क्रीमी लेयर का सीधा नियम है जिसमे मां बाप की सालाना आय 8 लाख से ज्यादा होने पर उन्हें जनरल माना जाता है जिससे कम आय और गरीब ओबीसी को उनके कोटे में फायदा मिलता है ।संविधान बनाने वाले महान लोगो की भी यही सोच थी लेकिन वोट बैंक के कारण इस पर एससी, एसटी के मामलो में कोई भी सरकार फैसला नही ले पाई इसी स्थिति को देख सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गाइडलाइंस जारी किया कि राज्य इस पर कानून बनाए जिससे किसी भी गरीब एससी, एसटी  का नुकसान नहीं होगा बल्कि गरीब एससी, एसटी  का और अधिक फायदा होगा। जैसे किसी सरकारी एग्जाम में 100 पोस्टएससी, एसटी की हो तो अब तक केवल जो समृद्ध एससी, एसटी है वही लोग 90 प्रतिशत सीट काट लेते थे जबकि उनकी जेब में पूर्ण संसाधन है भले वो कितने भी कम नंबर प्राप्त करे एलेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब वो पूरी 100 सीटो पर गरीब एससी, एसटी  का अधिकार होगा और अमीर एससी, एसटी को मजबूरन जनरल कैटेगरी ओबीसी के क्रेमिलेयर और सभी वर्ग के टॉपर्स के साथ लडऩा होगा।

      जो गरीब एससी, एसटी की भीड़ है उन्हे किसी तरह भी सडक़ पर उतारा जाए और संविधान खतरे या आरक्षण का खतरा बताकर आंदोलन किया जाए ताकि सरकार वोट बैंक के कारण इस पर नियम न बनाए और जो मलाई ेएससी, एसटी  का अमीर वर्ग अभी खा रहा है उनकी आने वाली अगली पीढ़ी भी यही मलाई 25 प्रतिशत नंबर लाकर नौकरियों में और आगे जाकर सुरक्षित एससी, एसटी  की चुनावी सीट पर खाते रहे और गरीब एससी, एसटी को कई सालों तक उभरने का मौका न मिले।  सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला दिया है जिस पर कानून बनते ही भारत के लाखो गरीब एससी, एसटी  को बहुत मौके अपने आप बन जायेंगे जिन पर कई वर्षो से नैतिक अधिकार उन्ही का है जिनके लिए वास्तविक रूप से बाबा साहेब ने संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया था ,सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बाबा साहेब की वास्तविक सोच साकार होगी।

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