संजय
छाजेड
धमतरी। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण जिला धमतरी द्वारा चारों विकासखंड में असाक्षरों व स्वयंसेवी शिक्षकों के पंजीयन की संपूर्ण प्रक्रिया जारी है जिला परियोजना अधिकारी केके साहू सर द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्मित उल्लास एप के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से असाक्षर, स्वयं सेवी शिक्षक, सर्वेयर के पंजीयन व सर्वे कार्य की विस्तृत प्रक्रिया की जानकारी दी गई। उल्लास केंद्र की स्थापना कर और असाक्षरों को सिखाने व परीक्षा केंद्र के रूप में उपयोग किया जाना है साथ ही साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मिशन मोड में कार्य करने तथा शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश सभी ग्राम प्रभारीयों को सतत दिए जा रहे।
रिसोर्स पर्सन प्रीति शांडिल्य ने बताया कि
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से
जाना जाएगा,पढिए कहीं भी कभी भी की थीम पर कार्य किया जाना
है इस कार्यक्रम में दिव्यांगजन तथा महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी है राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रौढ शिक्षा
अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा , उल्लास मोबाइल एप पर शिक्षार्थियों एवं
स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे कर डेटा एंट्री किया जाना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति. 2020 की
अनुशंसानुसार नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की
गई है। इस कार्यक्रम को रुरु्रस् ULLAS (Understanding of Lifelong Learning for All in Society) के नाम से
संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम के पाँच प्रमुख घटक हैं.
बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, जीवन
कौशल वित्तीय,
डिजिटल,कानूनी, मतदान साक्षरता इत्यादि, व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा समतुल्यता कार्यक्रम और सतत्
शिक्षा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्रौढ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा
के नाम से जाना जाएगा। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के लोगों के लिए है।
यह कार्यक्रम 2027 तक संचालित किया जाना है। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण की
कार्यकारिणी के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। उल्लास केन्द्र के लिए स्कूल भवन का
उपयोग किया जाए। उल्लास मोबाइल एप पर
शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे कार्य किया जा रहा साथ ही उल्लास
हेतु जिले में वातावरण निर्माण सतत् रूप से किया जा रहा है। शिक्षा सप्ताह में
प्रत्येक शाला में सभी शिक्षकों व
विद्यार्थियों द्वारा उल्लास की शपथ ली गई। उल्लास कर्यक्रम हेतु वालेंटियर टीचर्स को प्रशिक्षित किया जाना
योजना के अंतर्गत सम्मिलित है, जिला शिक्षा अधिकारी तेज राम जगदल्ले जी ने शिक्षा विभाग के
साथ सामुदायिक सहभागिता लेते हुए लक्ष्य
की प्राप्ति हेतु सत्यनिष्ठा पूर्वक कार्य करने हेतु मार्गदर्शन दियाए शिक्षा केवल
नौकरी पाने के लिए नहीं, जीवन जीने के लिए भी जरुरी है।
जिला कलेक्टर नम्रता गाँधी ने अपने उद्बोधन में कहा उल्लास नवभारत
साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ
के दो लाख असाक्षरों को साक्षर किया जायेगा, 15
वर्ष से अधिक असाक्षर को सम्मानजनक जीवन जीने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए उल्लास
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के साथ.
साथ महत्वपूर्ण जीवन कौशल जिसके अंतर्गत
डिजिटल, वित्तीय, कानूनी, मतदान एवं पर्यावरण आदि से संबंधित भी जानकारी
प्रदान की जानी है, उनमें व्यावसायिक कौशल का विकास भी
करना है,उन्हें बुनियादी शिक्षा देने के साथ.साथ सतत
शिक्षा के कार्यक्रम में बनाए रखना है।
अपने आसपास के असाक्षरों की पहचान की जाए और साक्षरता विभाग को अवगत कराया
जाए ताकि उन्हें भी सर्वे सूची में शामिल कर साक्षर बनाने का काम किया जा सके। साथ
ही सभी स्कूल शिक्षकए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताए मितानिनएविहान योजनाए सेवानिवृत्ति
शिक्षक एवं सभी वर्ग के लोगों को जोडक़र
इस कार्यक्रम को सफल बनाना है और यह निरंतर प्रयास रहेगा कि देश का जन.जन बने साक्षर जिला स्तर के सभी अधिकारी इस अभियान में स्वयंसेवी की भूमिका में रहेंगे तथा जहां भी असाक्षर मिले उनका नाम दर्ज कराएंगे और उन्हें साक्षर बनाएंगे। अशिक्षित को शिक्षा दो
और अज्ञानी को ज्ञान, क्यूंकि शिक्षा से ही बन सकता है भारत
देश महान।