संजय
छाजेड
धमतरी। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा विभाग, रेडक्रॉस द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार किया जा रहा है। इसके तहत बीते दिनों जिले में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रेडक्रॉस और यूनिसेफ के सहयोग से शासकीय स्कूलों में कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रिंटिंग सामग्रियों के जरिए खेल गतिविधि, भावना चक्र, भावनात्मक पाबंदी, भावनाओं को कैसे नियंत्रण करना, किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को समझना सहित आत्म जागरूकता और प्रेरणात्मक कहानियों पर आधारितकार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान इन स्कूलों में विद्यार्थियों को मास्टर ट्रेनर्स के तौर पर चयनित किया गया, जो कि आगामी दिनों में हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल और मिडिल स्कूलों सहित पालकों को भी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी देंगे।
कलेक्टर नम्रता गांधी ने आज अपने निवास पर
इन 10 स्कूलों के 20 विद्यार्थियों से मिलकर रू-ब-रू चर्चा कीं और मानसिक
स्वास्थ्य कार्यक्रम में उनके द्वारा सीखे गए बातों और उनकी पढ़ाई इत्यादि के बारे
में पूछा। इन बच्चों में धमतरी विकासखण्ड के डॉ.शोभाराम देवांगन स्कूल, नत्थुजी जगताप नगरनिगम स्कूल सेजेस बठेना, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संबलपुर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देमार, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरेतरा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोथली, विकासखण्ड कुरूद स्थित सेजेस कुरूद, नगरी विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय सलोनीऔर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुकरेल के विद्यार्थी शामिल
हैं। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव, पुलिस
अधीक्षक आंजनेय वाष्र्णेय, मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ.श्रीकांत चन्द्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी टी.आर.जगदल्ले, संबंधित स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षकवृंद और अन्य अधिकारी, कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सीईओ जिला पंचायत सुश्री रोमा श्रीवास्तव ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां जैसे खेल, नृत्य, नाटक, पेंटिंग इत्यादि भी करते रहें। उन्होंने अच्छे दोस्त बनाने सहित महापुरूषों की जीवनी से प्रेरणा लेेने कहा। सुश्री श्रीवास्तव ने कहा कि मूड नहीं होने पर थोड़ा घूमना-फिरना कर लें और उसके बाद पढ़ाई करें, लेकिन पढ़ाई को नहीं छोडऩा है। पुलिस अधीक्षक श्री आंजनेय वाष्र्णेय ने बच्चों को पूछा कि कोई ऐसी घटनाएं बताएं, जिसका समाधान दूसरों के लिए प्रेरणादायक रहा हो। कार्यक्रम मेंअन्य विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब अधिकारियों द्वारा दिया गया और अपने कैरियर के सफर को बच्चों के साथ साझा किया गया।