संजय छाजेड़
धमतरी | विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जिला धमतरी द्वारा 31मई को बलरामपुर जिला में 27 मई को हुए बजरंग दल के जिला सहसंयोजक सुजीत सोनी की हत्या के संबंध में आपातकालीन बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रान्तीय अधिकारी श्री मोहन साहू जी के मार्गदर्शन एवं दिशानिर्देश में हिन्दू भाई बहनो की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रगट की गई, बैठक में जिला मंत्री श्री रामचन्द्र जी श्री सन्दीप अग्रवाल जी सह संयोजक श्री डाकेश्वर साहू, चित्रेश साहू,मानव जी, जतिन देवांगन, गौरव जैन जी ने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की चिन्ता व्यक्त की, बैठक में जिलाकार्यकारी अध्यक्ष श्री दीपक सिंह ठाकुरजी ने कहा जब इतने बड़े प्रतिष्ठित और शक्तिशाली संगठन का कार्यकर्ता अपने प्रदेश में सुरक्षित नहीं तो आमजनमानस की क्या स्थिति रहेगी।अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि स्वातंत्र्यप्रिय श्री विनायक दामोदर सावरकर के अभिनव भारत और हिन्दू महासभा के विचारों का समाज में परिपालन करने का समय आ चुका है ,जिसमे जाति प्रथा और वर्ण व्यवस्था से ऊपर उठकर सिर्फ हिन्दू बनने की आवश्यकता है, जहाँ पर व्यक्ति किसी जाति का नहीं सिर्फ सनातनी अर्थात हिन्दू होगा।प्रदेश में अराजकता ,अपराध ,निर्दोष लोगों की हत्या ,गौवंश की हत्या, संगठन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा ,अगर हालात नहीं बदले और शासन प्रशासन द्वारा एक्शन नहीं लिया गया तो जिले और प्रदेश में आंतरिक अशांति और सशस्त्र विद्रोह की स्थिति निर्मित हो सकती है जो कि समाज के लिए बहुत ही घातक हो सकता है।
बलरामपुर जिला में बजरंग दल के सह संयोजक, सुजीत स्वर्णकार की षड्यंत्रपूर्वक निर्मम हत्या कर दी गई है, और प्रशासन द्वारा इस प्रकरण में केवल लीपापोती की जा रही है। विगत 27 मई को संदिग्ध अवस्था में सुजीत स्वर्णकार का शव जंगल में पाया गया था। प्रशासनिक जांच में तथ्यों की पुष्टि के अभाव में मनगढ़ंत कहानी बनाकर मामले को दबाया जा रहा है।
विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल छत्तीसगढ़ प्रांत इस हत्या प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करता है ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। जिला बलरामपुर के बजरंग दल जिला सह संयोजक की हत्या एक गहरी साजिश है और हिन्दुत्व रक्षकों को हतोत्साहित करने का एक कुत्सित प्रयास है। हत्या का कारण एक षड्यंत्रपूर्वक आक्रमण है, गौ रक्षकों और सनातन रक्षकों पर, जिसका बजरंग दल पुरजोर प्रतिकार करेगा। अगर दोषियों पर उचित कार्यवाही तत्काल नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
यह हत्या एक पुरानी घटना के कारण हुई है जिसमें पुलिस एवं प्रशासन की ढिलाई के कारण सुजीत स्वर्णकार को यह परिणाम भुगतना पड़ा। सुजीत सदैव ही गौ तस्करों के विरुद्ध सक्रिय रहा है। गौ तस्करी की सूचना मिलने पर वह अपनी टीम के साथ तत्काल स्थल पर निर्भीकता से पहुंचता था। उसे कई बार धमकियां मिली थीं कि जैसे गाय काटते हैं वैसे ही उसे भी काट देंगे। उसके मृत शरीर से बीडी, तंबाकू, गुटखा पाउच और कंडोम प्राप्त होना एक षड्यंत्र की ओर इशारा करता है, जबकि सुजीत इन सभी व्यसनों में कभी लिप्त नहीं रहा। उसके पेट और जांघ में धारदार हथियार से वार किया गया, इस बात का पंचनामा में भी उल्लेख है। उसकी उंगलियां टूटी हुई थीं और उसकी गर्दन भी तोड़ी गई थी। उसे हलाल करके अधमरा करने के बाद जीवित शरीर पर विद्युत करंट लगाया गया, जो कि किसी निश्चित स्थान पर किया गया होगा। इस प्रकार तड़पा-तड़पा कर बर्बरतापूर्वक हत्या करने के पश्चात उसके शव को जंगल में फेंक दिया गया। साथ ही जिस लड़की की भी हत्या की गई, उसकी बड़ी बहन को सोनू खान गौ तस्कर का रात के 1 बजे फोन आता है, और इससे इस षड्यंत्र की पुष्टि होती है। तथ्यपरक जांच होने के पश्चात इसमें निश्चित इस्लामिक जिहादियों और गौ तस्करों की संलिप्तता की पुष्टि होगी।
शासन और प्रशासन की निश्चित रूप से अकर्मण्यता के कारण यह घटना घटी है। यदि इसे गंभीरता से लिया गया होता, तो इस हिंदू वीर नायक की निर्मम हत्या नहीं होती। इस बारे में श्रीमान राम विचार नेताम को भी अवगत कराया गया था, पर दुर्भाग्यवश, ना तो उन्होंने कोई संवेदना व्यक्त की और ना ही उनके परिवार से मिलने का कोई प्रयास किया। प्रदेश में भाजपा की कथित हिंदुत्ववादी विचारधारा की सरकार होने के बावजूद, इस प्रकार की उदासीनता समस्त हिंदू समाज के लिए खलने का विषय है। जनता में आक्रोश है कि कैसे जिहादियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि खुलेआम एक हिंदू वीर नायक की हत्या कर दी जाती है, और यह सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि समस्त हिंदू समाज के लिए चुनौती है।
अतः, विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल धमतरी यह मांग करता हैं कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई द्वारा निष्पक्ष और तथ्यपरक जांच की जाए एवं योगी आदित्यनाथ जी की भांति बुलडोजर तथा एंकाउंटर की कार्यवाही की जाए। साथ ही, इस हिंदू वीर के परिवार को मुआवजा स्वरूप 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए।
इस तरह की घटना की सूचना पहले भी पुलिस एवं प्रशासन को दी गई थी, परंतु इसके बावजूद वैध कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की गई। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल इस घटना में लिप्त दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग करता है।
इस तरह की ढिलाई से भविष्य में अराजक स्थिति उत्पन्न होने पर विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जिम्मेदार नहीं होगा और किसी भी अप्रिय स्थिति की जिम्मेदारी प्रशासन की स्वयं की होगी। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल, जिला बलरामपुर ने निम्नलिखित सूचना एवं एफ़आईआर का आग्रह पहले भी किया था, जिसमें समुचित कार्यवाही नहीं की गई थी।
साथ ही, कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन के माध्यम से पूर्व में सूचना दी गई थी, पर अफसोस की बात है कि इस पर समय रहते कोई संज्ञान नहीं लिया गया। प्रदेश में कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति चिंता का विषय है और अपराधियों एवं अराजक तत्वों के बढ़ते हौसले से हिन्दू समाज सकते में है और असुरक्षित महसूस कर रहा है। अपनी सुरक्षा के लिए हिन्दू समाज और अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए विश्व हिन्दू परिषद प्रतिबद्ध है और हम इसके लिए किसी भी सीमा तक जाने के लिए सक्षम हैं।
प्रशासन की जानकारी में यह लाना आवश्यक है कि बलरामपुर के अलावा पूरे छत्तीसगढ़ में अराजक और आपराधिक गौ तस्कर सक्रिय हैं और बेधड़क होकर गौ तस्करी, गौ हत्या आदि को अंजाम दे रहे हैं, और प्रशासन पूर्णतः आंखें मूंदकर इन घटनाओं को होने दे रहा है।
पूरे छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी के अलावा धर्मातरण, लव जिहाद की घटनाएं जिहादियों द्वारा निर्भीक होकर की जा रही हैं। वहीं पर राम विचार जी जैसे अनुभवी एवं जिम्मेदार नेता अपने दायित्वों से पूरी तरह विमुख होकर एक संवेदनहीन प्रशासक की तरह व्यवहार कर रहे हैं, इसलिए विश्व हिन्दू परिषद छत्तीसगढ़ ने उनका पुतला फूंक कर अपना विरोध भी प्रदर्शित किया। एक हिंदुत्ववादी सरकार से विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य तमाम हिन्दू संगठन इस तरह के बर्ताव की अपेक्षा नहीं करते।
हमारा इस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रशासन को चेतावनी है. कि छत्तीसगढ़ की हवाओं में जो जिहादी जहर घोलने का प्रयास कर रहे हैं, उस पर तत्काल लगाम लगाई जाए और कठोर कानून बना कर सख्ती से उनसे निबटा जाए। अन्यथा जनता स्वयं सही-गलत का फैसला करने लगती है। और कानून व्यवस्था को चरमराते देर नहीं लगती है।
प्रशासन से अनुरोध एवं आग्रह है कि इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें। अन्यथा संगठन अपनी लड़ाई स्वयं लड़ने के लिए तैयार है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो जिले में उग्र आंदोलन, चक्का जाम, के साथ प्रांतव्यापी अभियान, प्रेस वार्ता प्रत्येक जिले में, अधिकारियों एवं मंत्रियों का घेराव एवं पुतला दहन तथा आवश्यक होने पर शक्तिशाली सत्ता धारियों का घेराव एवं पुतला दहन भी किया जाएगा।