सभी कालचक्र में ईश्वर की सहमति विद्यमान रहती है-आचार्य झम्मन शास्त्री

धमतरिहा के गोठ
0

 


संजय छाजेड़।

धमतरी। श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ ग्राम डोटोपार जिला बालोद छत्तीसगढ में चतुर्वेदी परिवार  द्वारा मे आयोजित। यह दिव्य भागवत कथा में व्यास स्वरूप  व्याख्यान दिवाकर आचार्य झम्मन शास्त्री महाराज के द्वारा प्रथम दिवस की कथा में आचार्य श्री ने बताया कि ज्ञान यज्ञ का उद्देश्य केवल यश पाने के लिए किसी इच्छा के अधीन किया गया धर्म नहीं बल्कि कथा के माध्यम से अंत:करण को शुद्ध किया जाता है भगवान को पाने की इच्छा हो तो परीक्षित और सुखदेव का संवाद ही सुन ले तो जीवन धन्य हो जाएगा अकाल मृत्यु से बचाने के लिए भागवत कथा का श्रवण अवश्य करें  श्रीमद् भागवत कथा के द्वारा महाराजा श्री ने कहा कि प्रभु के लीला के बगैर ना कोई जन्म ले सकता है ना किसी की मृत्यु हो सकती है सभी कालचक्र में ईश्वर की सहमति विद्यमान रहती है आकृतार्थ  जीवात्मा को पुनर्जन्म लेना पड़ता है इसलिए 24 घंटे में काम से कम सवा घंटा प्रभु की स्तुति भजन कीर्तन के माध्यम से करना चाहिए ।जीवन का उद्देश्य ईश्वर को पन है न कि केवल धन वैभव और जीवकोपार्जन में लगे रहना महाराज श्री ने कहा कि पार्टी और सरकार परोपकार के लिए है न की स्वहित के लिए ।


Tags:

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)