संजय
छाजेड़।
धमतरी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.के.मण्डल के निर्देश पर स्वास्थ्य अमला द्वारा बीते दिन फाइलेरिया प्रबंधन के तहत नाइड ब्लड सर्वे का कार्य किया गया। इसके तहत जिले के चारों ब्लॉक कुरूद के चिंवरी, पुरानी बस्ती नगरी, धमतरी स्थित गुजरा के बोरिदखुर्द, दानीटोला, लालबगीचा और मगरलोड में 5 से 9 साल के बच्चों का रक्त पट्टी सैम्पल लिया गया। फाइलेरिया की जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया की समस्या होने पर उन्हें दोनों पैरों या शरीर के किसी अन्य अंग में सूजन हो सकती है। फाइलेरिया को आम बोलचाल में हाथी पांव भी कहा जाता है। शुरूआत में यह बीमारी होने पर हाथ, पैर, स्तन एवं अंडकोष में भी सूजन दिखाई दे सकती है। यह एक पैरासाइट जो कि धागे के समान दिखाई देने वाले निमेटोड कीड़ों के शरीर में प्रवेश करने की वजह से होती है। बताया गया है कि धमतरी जिले में फाइलेरिया के 142 केस पंजीकृत हैं।