ज्ञान अमृत स्कूल में सरस्वती पूजा, विद्या आरंभ संस्कार, मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया गया

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़।

धमतरी। ज्ञान अमृत इंग्लिश स्कूल धमतरी में बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजा, विद्या आरंभ संस्कार, मातृ पितृ पूजन एवं छात्र.छात्राओं द्वारा हनुमान चालीसा के साथ.साथ विभिन्न मंत्रो का सस्वर पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री परिवार के साधक पूनम साहू,  धर्मेंद्र साहू, जनक राम नेताम, अभिषेक साहू द्वारा मां शारदा, श्री गणेश एवं मां गायत्री के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य जजमान के रूप पालक आकाश कंचन खरे उपस्थित थे। स अवसर पर जो बच्चे विद्यार्थी जीवन प्रारंभ करने जा रहे हैं ऐसे 50 बच्चों का विद्या आरंभ संस्कार स्लेट, पेंसिल, कलम की पूजा कर बच्चों द्वारा स्लेट पर ऊं भूभूर्व: स्व: शब्द लिखकर संपन्न कराया गया। सभी बच्चे कतारबद्ध होकर बारी.बारी से मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर सर्व मनोकामना पूर्ति हेतु आशीर्वाद प्राप्त किया।

        इस अवसर पर विद्यालय के संचालक विनोद कुमार पांडे मातृ पितृ पूजन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि माता.पिता पुत्र के प्रति जो सर्वदा स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं, उपकार करते है उसका उपकार का कर्ज़ नहीं चुकाया जा सकता, माता का गौरव पृथ्वी से भी अधिक है और पिता आकाश से भी श्रेष्ठ है। अत: माता.पिता एवं गुरु का सम्मान हमेशा करना चाहिए।

        गायत्री परिवार के साधक पूनम साहू, धर्मेंद्र साहू, जनक राम नेताम, अभिषेक साहू ने बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा देवी सरस्वती ज्ञान, मेगा, बुद्धि और संगीत की देवी कहा जाता है बसंत पंचमी ज्ञान के हस्तारण का शुभ दिन माना जाता है क्योंकि यह अज्ञानता को दूर करता है बच्चों को पहला अक्षर सिखाया जाता है। मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से मनुष्य को बुद्धि की प्राप्ति होती है एवं विद्यार्थियों की शिक्षा में आने वाली बाधाएं दूर होती है।

      कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कल्पना पांडे,पुष्पलता जाधव, भुनेश्वरी देवांगन, ममता तिवारी, कल्पना मान, मनीषा अंकमवार,नगार कुरैशी,पूजा राजवानी,सरिता फूटान, ज्योति सोनी, रूमानी कुरैशी, कु रश्मि सेन, कु प्रियंका सोनी, कुण् अनुपा टंडन, शीतल सोनी, अलीशा मेमन, कु प्रभा साहू, कु प्रकृति पांडे, शैलेंद्र साहू, डिकेश नाग,  माधवी राजपूत,  बिंदु पटेल, छात्र.छात्राएं एवं पालकगण उपस्थित थे।

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