हमें गर्व है कि हम सब गोंडवाना लैंड के वासी हैं-सांसद चुन्नीलाल साहू

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़।

धमतरी।  आदिवासी ध्रुव गोंड समाज तहसील कुरुद का वार्षिक सम्मेलन केशकाल के विधायक नीलकंठ टेकाम प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा के मुख्य आतिथ्य,अति विशिष्ट अतिथि चुन्नीलाल साहू सांसद महासमुंद लोकसभा क्षेत्र, लोकेंद्र सिंह राष्ट्रीय महासचिव गोंडवाना गोंड महासभा, आरएन ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़, अकत सिंह ध्रुव जिला अध्यक्ष मुंगेली, कुलंजन सिंह मंडावी संरक्षक, बसंत ध्रुव संरक्षक,ललित ठाकुर अध्यक्ष आदिवासी ध्रुव समाज,  झागेश्वर ध्रुव पूर्व मंडी अध्यक्ष, ठाकुर राम नेताम जिला उपाध्यक्ष , संतोष सोरी, हरिश्चंद्र मंडावी,बीरबल कुंजाम ,नरोत्तम सिंह पडोटी, ढालसिंह नेटी, केवल सिंह नेताम, टामेश्वर ठाकुर, राजकुमार छेदैहा, पुखराज नेताम, यशवंत ध्रुव, श्याम सुंदर ध्रुव, के विशेष उपस्थिति में आदिवासी सामुदायिक भवन परिसर कुरूद जिला धमतरी में संपन्न हुआ।


       इस अवसर पर श्री टेकाम ने कहा कि हमारी संस्कृति सबसे उत्कृष्ट प्राचीन संस्कृति है। बीच.बीच में इसे नष्ट करने का प्रयास हुआ। लेकिन हमारी संस्कृति को किसी ने भी नष्ट नहीं कर पाया। गोंडवाना गोंड महासभा पूरे देश में समाज को जोडऩे का कार्य कर रही है। धर्मांतरण समाज के लिए बड़ी चुनौती है। इसे रोकने हेतु हम सबको मिलजुल कर काम करना होगा। सांसद श्री साहू ने कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी धमधागढ़ के राजा बुढ़ानशाह ने अंग्रेजो के खिलाफ जंगल सत्याग्रह किए थे, इस आंदोलन में बुढ़ानशाह के साथ लक्ष्मी नारायण तेली ने अपना जीवन बलिदान देकर अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ गोंडवाना लैंड में स्थित है। हमें गर्व है कि हम सब गोंडवाना लैंड के वासी हैं, इसलिए यहां के रहने वाले हम गोंड हैं। लोकेंद्र सिंह ने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव शिक्षा से ही आ सकती है। उन्होंने कहा कि इस देश की संपदा, धरोहर, धरती पर पहला अधिकार यहां के मूल आदिवासियों का है। आरएन ध्रुव,ने कहा कि जन्म, विवाह, मृत्यु संस्कार में कपड़ा बर्तन उपहार आदि अनावश्यक खर्चों से बचें। इसके स्थान पर संबंधित परिवार को नगद राशि दें, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। कार्यक्रम को जिला अध्यक्ष मुंगेली अकत ध्रुव,रवि चंद्राकार , भानु चंद्राकर, देवनाथ नागरची प्रदेश अध्यक्ष नागरची समाज ने भी संबोधित किया। पारंपरिक रेला पाटा नर्तक दल अवरी, गुदगुदा, कुहकुहा के प्रस्तुति को सबने सराहा। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में सामाजिक जन उपस्थित थे।

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