संजय
छाजेड़।
धमतरी। शहर के 22 वार्डों के स्ट्रीट लाइट खंम्बो में एलईडी 45 वॉट एवं 60 वाँट का लगाया गया था जिसमें लगभग दो तिहाई एलईडी लाइट खराब होकर फिर से रिपेयरिंग करते हुए उन्हें लगाया गया जो फिर से 60 से 70 खंम्बो मे खराब होकर उतारे जा रहे है, जिससे पूरे लाईटों के गुणवत्ता पर ही प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं कहां तो यहां तक जा रहा है कि लोकल एलईडी लाइट को डुप्लीकेट मार्किंग लगाकर सप्लाई किया गया है जिसके कारण शहर की विद्युत व्यवस्था पुरी की पूरी चरमरा गई है। पहले अनुबंधित कंपनी को 22 वार्ड में लगाने के लिए आदेशित किया गया था फिर तीन वार्ड और जोड़ा गया है। ग़ौरतलब है कि लगभग 39 लाख रुपए के निविदा में पहले ही उक्त लाइटों के प्रचलित बाजार मूल्य पर खरीदना किए जाने पर उंगली उठ रहा है उसके बाद उसकी क्वालिटी के खराबी के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है पहली बार एलईडी लाइटों के खराब होने पर अर्थिंग न जोडऩे का बहाना बनाया जाकर लापरवाही एवं निष्क्रियता को ढकने का प्रयास किया गया था । लेकिन अब फिर से वही स्थिति क्यों निर्मित हुई इस पर समुचित कार्रवाई होना चाहिए।
शहर की उक्त जनहित करी बुनियादी सुविधा पर नगर
निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठाते हुए निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा
ने कहा है कि नगर निगम में पिछले 4 वर्ष का कार्यकाल निष्क्रियता तथा आकर्णमान्यता
तथा भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई है आम जनता से जुड़े हुए यहां के प्रत्येक कार्यों की
जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो या स्पेशल जांच टीम बनाकर किया जाना चाहिए जिसके
लिए वह प्रदेश सरकार तथा नगरीय प्रशासन मंत्री को पत्र लिखेंगे तभी वास्तविकता सामने
आवेगी।