संजय
छाजेड़।
धमतरी। जनपद पंचायत नगरी के प्रभारी सोईओ से परेशान सचिवों का कहना है कि उनका काम करना मुश्किल हो गया है क्योंकि सीईओ का व्यवहार ठीक नहीं रहता है। शासकीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के साथ अच्छे माहौल में काम तभी कर पाएंगे जब सीईओं को हटाया जाएगा।
प्रताडऩा से त्रस्त होकर हड़ताल
शुरू कर दिया है, दो दिन से धरना दिया जा रहा है। जल्द ही सीईओ को नहीं हटाया गया तो
आंदोलन को विस्तार किया जाएगा। विदित हो कि जनपद नगरी के सीईओ पर आरोप है कि उनके द्वारा
सचिवों के साथ ठीक बर्ताव नहीं किया जाता। विकसित भारत संकल्प पात्रा के दौरान कई सचिवों
को ग्रामीणों के सामने अपशब्द कहे गये है। बार. बार की प्रताडऩा से तंग आकर आंदोलन
का रास्ता चुना है। 17 जनवरी को कलेक्ट्रेट में आवेदन देकर सीईओ को हटाने की मांग की
गई थी लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई इसलिए अनिश्चितकालीन हडताल पर है। सीईओ को
हटाने पर ही काम पर लौटेंगे।
ब्लॉक सचिव संघ के अध्यक्ष अनीता
ध्रुव का कहना है कि शासन की योजनाओं को गाँव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के काम
में सचिवों की अहम भूमिका होती है। सीईओ के द्वारा बार.बार अपमानित किये जाने के कारण
सचिव दहशत में है, जिसका सीधा असर कार्यक्षमता पर पड़ रहा है। सीईओ को हटाने पर समस्त
सचिव नई सरकार के प्रभावी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के साथ पंचायत के कार्य को
बेहतर ढंग से कर पाएंगे। शनिवार, रविवार को धरना दिया गया पर छुट्टी का दिन होने से
कामकाज पर असर नहीं पड़ा, चूंकि सचिवों का आंदोलन अनिश्चितकालीन है। सोमवार से हड़ताल
के चलते पंचायतों में कामकाज ठप हो जाएगा। इधर सीईओ के संबंध में बताया गया है कि शासन
स्तर पर उनका दो बार स्थानांतरण हो गया है। दोनों ही बार उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे
लाकर अपना तबादला रुकवा लिया। इस पर नगरी ब्लॉक पंचायत सचिय संघ का कहना है कि स्टे
निरस्त होने की जानकारी मिली है। वही स्टे तबादला आदेश को लेकर मिला था, इसमें उन्हें
ही सीईओ का प्रभार दिये जाने को बाध्यता नहीं थी इसलिए सीईओ को दूसरी जगह अटैच कर नगरी
जनपद का प्रभार दूस्से सीईओ को सौंपा जाना चाहिए।