महापौर विजय के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

धमतरिहा के गोठ
0


 संजय छाजेड़ 

धमतरी 5 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की शानदार वापसी के बाद अब कांग्रेस द्वारा समीक्षा किये जाने की बात कही जा रही है। जैसा कि हार के बाद प्रत्येक पार्टी द्वारा मंथन किया जाता है। लेकिन अब नई बनने वाली सरकार से प्रदेशवासियों को काफी आशाएं हैं। भ्रष्टाचार, अधिकारियों की हिटलरशाही, लोगों को न्याय नहीं मिलने जैसी घटना एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित किये जाने जैसे मुद्दों से निजात पाने लोगों ने एक बार फिर भाजपा को अपना भरपूर समर्थन दिया है। वहीं दूसरी ओर अब ऐसे निष्क्रिय लोगों को हटाये जाने की भी चर्चाएं आम हो रही हैं। रायपुर निगम महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी वहां भाजपा पार्षद कर रहे हैं तो दूसरी ओर धमतरी निगम महापौर के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी नाराज पार्षदों द्वारा की जा रही है जिसकी चर्चा अब चौक-चौराहों पर भी सुनाई दे रही है।

विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश की जनता ने भाजपा को अपना भरपूर समर्थन दिया है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण कांग्रेस शासित नगर निगम क्षेत्रों में भी भाजपा प्रत्याशियों ने अपनी बढ़त बनाई। यह अलग बात है कि धमतरी निगम क्षेत्र में 40 वार्ड आते हैं जहां 37 वार्डों में भाजपा को भारी समर्थन दिया गया है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक श्रीमति रंजना डिपेंद्र साहू को 2644 वोट से हार का मुंह देखना पड़ा है। लेकिन इस चुनाव में निगम क्षेत्र के 40 वार्डों में से 37 वार्डों में भाजपा की बढ़त निगम क्षेत्र में मिलने पर अब यहां कुछ पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारियां की जा रही है। इनका कहना है कि कांग्रेस शासित निगम में उसी वक्त सनसनी फैल गई जब एक पार्षद द्वारा विधानसभा चुनाव लडऩे की घोषणा की गई और लाख मनाये जाने के बाद भी चुनाव लडऩे का अपना निर्णय नहीं बदला। इसके बाद से निगम में अविश्वास प्रस्ताव की बातें जोर पकडऩे लगी और अब जब शहर से भाजपा प्रत्याशी को लीड मिली है, उसका मुख्य ठीकरा यहां इस बात को लेकर फोड़ा जा रहा है कि अब तक के कार्यकाल में निगम में व्याप्त टेंडर सेटिंग, सप्लाई में भारी भ्रष्टाचार, इसके अलावा छोटे-मोटे कार्यों के लिये भी लोगों को यहां से मायूस होना पड़ रहा था। इसलिये यहां से भी अविश्वास प्रस्ताव की तैयारियां जोर पकड़ रही है।

नगर निगम क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, रिक्शा खरीदी में भ्रष्टाचार, अच्छे खासे रिक्शे को खराब बताकर उसे स्टोर में रखकर पैसे का दुरूपयोग किये जाने, निर्माण कार्यों में कोताही, यहां पदस्थ एक जिम्मेदार पार्षद द्वारा दूसरे के नाम ठेकेदारी करना, शासकीय जमीन पर कब्जा करना, सिहावा रोड, रायपुर रोड में नाला निर्माण में घोर भ्रष्टाचार, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां जिम्मेदार जितने भी लोग पदस्थ हैं, उनमें से कुछ लोगों द्वारा ऐसे कार्यों पर कोई संज्ञान न लेकर राशि का दुरूपयोग किये जाने को लेकर पार्षदगण आरोप लगाते आ रहे हैं। कुछ बातों की शिकायत कलेक्टर को भी लिखित में की गई थी। इन सब बातों को लेकर अब महापौर विजय देवांगन के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने की बात कही जा रही है। इस मामले को लेकर इस प्रतिनिधि द्वारा कुछ पार्षदों से चर्चा किये जाने पर उन्होंने बताया कि हां ऐसा कुछ हो रहा है और अतिशीघ्र अविश्वास प्रस्ताव भी लाया जायेगा। चूंकि उपरोक्त कार्यों से शहर की जनता त्रस्त हो गई थी और लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा था। जब कोई उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपना आक्रोश विधानसभा चुनाव में उतारा और भाजपा समर्थित प्रत्याशी को वोट दिया। इससे पता चलता है कि कांग्रेस शासित नगर निगम में अब सत्तापक्ष के सिरमौर के ऊपर विश्वास नहीं रह गया है और इसी कारण पार्षदगण अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुट गये हैं। सत्तापक्ष से जुड़े दो पार्षदों ने नाम न छापने की शर्त पर प्रतिनिधि को बताया कि धमतरी विस क्षेत्र अंतर्गत निगम के 40 वार्डों में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी को इतनी करारी हार झेलना पड़ा है जिसका मुख्य कारण वार्डों में विकास कार्य का न होना, निगम में बिना भेंट पूजा के कोई काम न होना वहीं चुने हुए जनप्रतिनिधि की नादिरशाही की वजह से ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है और बहुत जल्द हम अपनी लड़ाई लडऩे की तैयारी में हैं। अब देखना यह है कि निगम में पहली बार शहरी सत्ता संभालने वाले कांग्रेस के महापौर अपना कार्यकाल पूर्ण कर पाते हैं अथवा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है।

Tags:

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)