संजय जैन
धमतरी | नगर निगम और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय होते हुए चोली दामन का साथ निभा रहे है रोज कोई ना कोई नया फर्जीवाडा , धांधली भ्रष्टाचार उजागर होता है एक कांड की आग ठंडी नही हुई रहती है दूसरा भभक जाता है। गरीबो के आश्रय स्थल रैन बसेरा के लिए 54 दैनिक उपयोग सामाग्रियो की खरीदी में बाजार दर से अत्याधिक मूल्य पर खरीदी किए जाने का मामला जांच समिति में शामिल समिति अध्यक्ष विजय खलखो, विजय मेहरा सहायक अभियंता, कामता नागेन्द्र उप अभियंता कमलेश ठाकुर उप अभियंता, हेमंत नेताम राजस्व अधिकारी के द्वारा की गई। विधिवत जांच पश्चात दिनांक 23 मई को प्रस्तुत रिपोर्ट में एमआरपी/ बाजार मूल्य से अत्याधिक दर पर आमानक सामग्री अनुबंधित फर्र्म/ठेकेदार से खरीदी किया जाना पाया गया जिसमें निविदिा समिति के सदस्यो को उत्तरदायित्व ठहराया गया है। बाजार मूल्य पर खरीदी किये जाने मे ंनिगम का लगभग 1 लाख 70 हजर रूपये बचत होता। स्पष्ट आया है जिससे कहा जा रहा है कि यदि विपक्ष के पार्षदगण ईमानदारी से अपना धर्म नही निभाते तो उन गरीबो के हित जो बेंघर होने के कारण शासन के द्वारा एक पवित्र सोच को लेकर बनाई गर्इ आश्रय प्रदान करने वाली रैन बसेरा का संचालन को भी अर्थिक हवस की भेंट चढाने में लोग बाज नही आ रहे थे अब आगे आगे देखना यह है कि भ्रष्टाचार के गुनाहगारो को कब तक नगर निगम के जिम्मेदार लोग पनाह देते रहेंगे।
निगम द्वारा खरीदे गये सामाग्री निगम द्वारा खरीदे वास्तविक बाजार मूल्य
गये सामाग्री
का मूल्य
फिनाईल बाटल 1 लीटर 450रू 75
रू
हार्पिक बाटल 1 लीटर 457रू 218रू
डामर गोली बडा साईज 275रू 50रू
दर्पण २ङ्ग२ 1350 रू 400रू
दीवाल घडी 975रू 600रू
प्लास्टिक बाल्टी 20 लीटर 650रू 200रू
प्लास्टिक बाल्टी 5 लीटर 400रू 50रू
डस्टबीन 10 लीटर 675रू 600रू
फस्ट एड बाक्स 1 सेट 1075रू 300
रू
चम्मच 34 रू 12
रू
चाय ग्लास स्टील 55 रू 25
रू
चाय छन्नी 174 रू 50रू
मसाला डिब्बा 0.900 किग्रा क्षमता 1250 रू 300 रू
दूध की गंजी 1450 रू 500
रू
चिमटा 0.150 किग्रा 175 रू 250
रू
तवा बड 5 किग्रा 1675
रू 1500 रू
बेलन पाटा 290 रू 150
रू
पाटा लम्बा 1.25 फीट ङ्ग 2.5 फीट 875 रू 500 रू
लोहा पलंग ३ङ्ग६ फीट 7275 रू 3500
रू
गैस भटठा चूल्हा 8200
रू 2500 रू
आर्थिक अयिमितताओं पर अंकुश नही लगा तो निगम हो जाएगा दिवालिया,
जिसके लिए जिम्मेदारी होनी चाहिए सुनिश्चित-राजेन्द्र शर्मा
निगम के आर्थिक अनियमितताओं
पर रोष व्यक्त करते हुए नगर निगम के पूर्व सभापति राजेन्द्र शर्मा ने कहा है कि नगर
निगम आर्थिक दुर्दशा के दौर से गुजर रहा है यहां तक की सफाई कर्मचारी प्लेसमेंट कर्मचारियो
तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण जीवन यापन करने में काफी
कठिनाई उत्पन्न हो रही है ऐसी परिस्थितियो में निगम के विभिन्न विभागो के विभिन्न कार्यो
में जिम्मेदार लोगो के द्वारा की जा रही निरंतर धांधली, अनियमतता, भ्रष्टाचार एक महत्वपूर्ण
सोचनीय विषय है यदि यही परिस्थतियां आगे भी
चलेंगे तो वह दिन दूर नही जब नगर निगम दिवालिया हो जायेगा इसके लिए यहां के जिम्मेदार
जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी उपर दोष सुनिश्चित किया जाना चाहिए।