धमतरी वि.स. की तस्वीर लगभग साफ, आर.जी.के मध्य होगा मुकाबला

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़ 

धमतरी । विधानसभा चुनाव की तिथी नजदीक आते जा रही है। इस रणभूमि में अनेक ऐसे नेताओं द्वारा अपने अपने स्तर पर तुरूप के इक्के फेंके जा रहे हैं। लोक लुभावन सपनों के साथ साथ अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। कोई किसी का दावा कर रहा है, कोई कुछ कह रहा है। बैनर पोस्टरों से शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित होकर ऐसे लोगों द्वारा अपने आप को विधानसभा का सशक्त दावेदार मानते हुए कार्य किया जा रहा है। यह तो समय बतायेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है और ऐसे लोगों की मंशा कहां तक सफलीभूत होती है। लेकिन इस रणभूमि में मुख्य मुकाबला आर.जी. के मध्य होता दिखाई दे रहा है।
चुनाव की तिथी गले तक आ पहुंची है। कब चुनाव आयोग इसकी घोषणा कर जायेगा, यह सिर्फ कयास लगाने वाली बात है। जो कुछ करना है, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा चुनाव की घोषणा कर दी जायेगी। इस तरह आचार संहित प्रदेश में लागू हो जायेगी जिसके लिये जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ चुनाव की तैयारियों में मशगूल है। जिला प्रशासन के द्वारा ऐसा कोई भी वर्ग नहीं है जिसे मतदान करने की समझाईश नहीं दी जा रही है। समय समय पर रैली, बैठक, इत्यादि लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाने के साथ साथ शत प्रतिशत मतदान की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्वाचन संबंधी ऐसे अनेक दलों का ऐलान कर दिया गया है। पिछले दिनों विस चुनाव को लेकर की गई तैयारी के संबंध में राजनीतिक दलों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इसी दिन मीडिया के लोगों की भी वार्ता रखी गई और तैयारी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। ऐसा माना जा रहा है कि 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच में चुनाव आयोग छग विस का चुनाव की घोषणा कर सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जब चुनाव की तिथी घोषित की जायेगी, तब की बात उस वक्त देखी जायेगी। लेकिन इससे पूर्व राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा अपने अपने वरिष्ठ नेताओं को अपनी सक्रियता दिखाने के उद्देश्य से और लोगों के बीच अपनी पकड़ बताने को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है और ऐसे नेता विभिन्न कार्यक्रमों में जाकर मीडिया की सुर्खियों में लगातार बने हुए हैं और इन्हें अच्छी तरह मालूम है कि विस चुनाव में जो प्रत्याशी पार्टी आला कमान द्वारा घोषित किया जायेगा, उसे ही चुनाव लडऩा होगा और ऐसे लोगों को एकमतेन अपने अपने घोषित प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार के साथ साथ कार्य करना होगा। हालांकि यह गर्त में छुपा हुआ है कि चुनाव में क्या एका बन पायेगी क्योंकि जिस तरह चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि मुख्य मुकाबला आर.जी.के बीच ही होना तय है और आर.जी. की पकड़ वरिष्ठ नेताओं के समक्ष बन भी चुकी है। इसी वजह से ये बिंदास होकर अपना अपना कार्य कर रहे हैं।
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