संजय छाजेड
धमतरी 11 सितंबर। जिला प्रशासन द्वारा पिछले दिनों से अवैध प्लाटिँग, अवैध विकास करने वालों के खिलाफ एक सघन अभियान चलाते हुए अवैध निर्माण को तोड़े जाने की कार्यवाही चल रही है वहीं दूसरी ओर कलेक्टर बंगला के समीप बिना अनुमति के मकान, दुकान, मैरिज ग्राउंड बनाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। सूत्रों ने बताया कि यह भूमि रूद्री निवासी एक किसान की है, जिसे एक जनप्रतिनिधि द्वारा लीज पर लेकर उक्त निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। खबर तो यह भी है कि इस निर्माण के पीछे निर्वाचित जनप्रतिनिधि का पैसा लगाया जा रहा है और इनके प्रतिनिधि द्वारा उक्त निर्माण को यह कहते हुए कि, हमारी सेटिँग जिले से लेकर राजधानी तक के अधिकारियों से हो गई है, इसलिये हमारा कोई बाल बांका नहीं कर सकता, कहते हुए निर्माण कार्य तेजी से बदस्तूर जारी है। पिछले दिनों जिला प्रशासन ने रत्नाबांधा हनुमान मंदिर समीप निर्मित होने वाले अवैध प्लाटिँग को पूर्व की स्थिति पर ला दिया। इसी तरह विवेकानंद कालोनी स्ट्रीट नंबर 3 में निर्माण को भी तहस नहस कर दिया। यही नहीं रूद्री रोड पर हो रहे अवैध विकास को नेस्तनाबूत कर ऐसे भूमाफियाओं को यह साफ साफ चेतावनी दी गई है कि अवैध विकास, निर्माण पर प्रशासन का डंडा लगातार चलता रहेगा। कलेक्टर बंगला के समीप हो रहे अवैध विकास पर कार्यवाही नहीं होने से आसपास निवासियों में भी इस बात को लेकर चर्चा है कि प्रशासन का बुलडोजर अब तक इस पर क्यों नहीं चला है?
नगर निगम क्षेत्रांतर्गत निर्माणाधीन होने वाले भवन निर्माण को लेकर भी जागरूक नागरिकों ने निगम, प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि जोधापुर से रूद्री रोड तक धड़ल्ले से बिना अनुमति के मकान, बिना पार्किंग के काम्प्लेक्स बनाये जा रहे हैं जबकि नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत ऐसे अवैध निर्माण को लेकर यह व्यवस्था की गई है कि ऐसे निर्माण कार्यों के लिये जितना दोषी अवैध निर्माण करने वाले हैं, उससे कहीं अधिक नगर पालिक निगम में बैठे अधिकारी भी जिम्मेदार हैं जिनके लिये उक्त अधिनियम में न सिर्फ दंड है बल्कि तीन वर्ष की सजा तक का प्रावधान है। लेकिन आज वर्षों गुजर गये, नगर पालिका परिषद से उन्नयन होकर नगर पालिक निगम बना। इसके बाद भी ऐसे निष्क्रिय अधिकारियों और भूमाफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है जबकि दूसरे जिलों में ऐसे भूमाफियाओं के विरूद्ध न सिर्फ भवन निर्माण सामग्री को जप्त किया गया है अपितु उनके विरूद्ध थाने में शिकायत भी की गई है और अपराध दर्ज हुआ है। लेकिन यहां ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं और मिलीभगत के चलते ही ऐसे निर्माण धमतरी शहर सहित आसपास के ग्रामों में भी धड़ल्ले से जारी है जिसकी शिकायत लगातार मिलने पर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी द्वारा गोपनीय तरीके से बाजरूपी कार्यवाही करवाई गई जिससे जागरूक लोगों में हर्ष व्याप्त है।
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि रूद्री, सेहराडबरी जैसे ग्राम निवेश क्षेत्र में आ चुके हैं और इस जैसे क्षेत्र में निर्माण को लेकर निवेश एवं निगम से इसकी अनुमति प्राप्त की जानी चाहिये थी और ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जो निवेश क्षेत्र में आ चुके हैं, उनके सरपंच, सचिव को किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुुमति देने का अधिकार नहीं है। लेकिन ये लोग अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने स्वार्थपूर्ति के चलते बेखौफ होकर ऐसे लोगों को भवन, दुकान निर्माण की अनुमति दे रहे हैं। इसी तरह अनेक ग्राम क्षेत्र में निर्माण बदस्तूर जारी है। एक ओर जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी अवैध निर्माण को देखकर भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जिससे ऐसे लोगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों जिला प्रशासन की कार्यवाही से अवैध प्लाटिंग, अवैध विकास पर प्रशासन का डंडा चलने से इसकी दहशत ऐसे लोगों में बैठ गई है और सेटिंग के हिसाब से पिछले दिनों सफेदपोश नेताओं के साथ अपने आकाओं के दरबार में पहुंचकर जिला प्रशासन की कार्यवाही को रूकवाने की बात कह रहे हैं। जिला प्रशासन को चाहिये कि शहर एवं आसपास के गांवों में हो रही अवैध प्लाटिंग को लेकर संबंधित क्षेत्र के पटवारी और कोटवार को इसके लिये निर्देशित किया जाये और उक्त स्थलों को चिन्हित कर ऐसे लोगों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिेये जो आज तक नहीं हुई है। यदि ऐसा होता है तो धमतरी शहर एवं आसपास के क्षेत्र में बेशरम के वृक्ष की तरह उपजे ऐसे लोग बेनकाब होंगे।
रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा भी ऐसे विकास कार्यों को लेकर चिंता जाहिर की गई है। इस विभाग से बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का निर्माण को अवैधानिक माना जाता है और उसके खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन इस विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देशाों का पालन एक ओर कलेक्टर श्री रघुवंशी कराने तत्पर देखे जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इनके अधिनस्थ कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से रेरा एवं कलेक्टर की मंशा धूमिल होते दिखाई दे रही है। यदि उपरोक्त विभाग के द्वारा ऐसे निरंकुश एवं भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारियों पर कार्यवाही होती है तो नि:संदेह धमतरी जिले में अवैध प्लाटिंग का खेल करने वालों की कार्यशैली पर विराम लग सकता है। ऐसे जागरूक लोगों ने कलेक्टर से मांग की है कि कोटवार एवं पटवारी से अपने अपने क्षेत्रों से अवैध प्लाटिंग करने वाले भूभाग की जानकारी लेकर कार्यवाही करे साथ ही रूद्री रोड स्थित जहां पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही कर दुकानों, मकानों को ढहाया गया है, उसी के समीप होने वाले निर्माण को लेकर भी कार्यवाही की मांग की गई है। तोडफ़ोड़ से प्रभावित हुए किसान का कहना है कि एक ओर मेरे द्वारा निर्माण किये जा रहे प्लॉट पर प्रशासन ने अपना डंडा चलाया है, उसी तरह अब मेरे भूमि समीप बन रहे अवैध विकास पर भी कार्यवाही किया जाये ताकि लोगों के बीच यह संदेश न जाये कि ऐसी कार्यवाही में एक को मौसी, एक को मां कहा जा रहा है।