अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति

धमतरिहा के गोठ
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संजय
जैन 

धमतरी | शहर में लगातार बिना अनुमति के भवन निर्माण को लेकर संबंधित विभाग कोई ध्यान नही दे रहा है जिसके कारण बरसाती पानी का मार्ग अवरूद्ध हों चुका है। अम्बेडकर चौक से रूद्री रोड सहित ऐसे अनेक क्षेत्र है जहां विभाग की लापरवाही के चलते लगतार भवन का निर्माण कर बरसाती पानी निकासी का संबंधित जन रूकावट बनकर सामने आ रहे है। आज विवेकानंद कालोनी क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण को निगम का तोडू दस्ता वहां पहुंचा और बिना कोई ठोस कार्यवाही के मुंह उतारे वापस आ गये। खबर है कि यह अमला इसलिए वापस आया है कि शहर के एक नामचीन बिल्डर्स तथा एक कांग्रेसी नेता जो पूर्व में जिला कांग्रेस का महामंत्री था उसके  प्लाट में जाकर धोखे से यह कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है जिसे लेकर शहर में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है।

      निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले वार्डो में जिस हिसाब बिना अनुमति के भवन निर्माण किया जा रहा है उसका प्रत्यक्ष प्रमाण वार्डो की सडको में बेतरतीब गिटटी, ईंट, रेत से दिया जा सकता है जो लगातार राहगीरो के लिए दुर्घटना का सबब बनी हुई है, लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है या यूं कहे कि बिना अनुमति के हो रहे निर्माण कार्यो में विभाग की मौन स्वीकृति है। बरसाती पानी की निकासी नही होने की वजह से चाहूंओर सडक गढढो में तब्दील हो गई है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे गढढो को भरने के लिए भी फुर्सत नही निकाल सकते है जिसके कारण आये दिन छुटपुट दुर्घटनाए होती रहती है। जहां तक अवैध प्लाटिंग का मामला  है तो उसे लेकर पूर्व वर्षो में ग्राम नगर निवेश, नगर निगम, नजूल विभाग के टीम द्वारा पूर्व कलेक्टर के निर्देश पर कार्यवाही की गई थी जिससे बिल्डर्स और भू माफियाओं में हडकंप मच गई थी लेकिन ऐसी कार्यवाही अभी तक देखने को नही मिली है हद तो यह है कि जिनके जिम्मे अवैध निर्माण को रोकने एवं कार्यवाही करने का दायित्व है वे स्वयं खसरा नं 159, 160 के भाग पर अपना आधिपत्य दिखाकर मंदिर तक के परिसर को बाऊंड्रीवाल कर अपने कब्जे में ले लिया है।

      विवेकानंद गली के अंदर नवनिर्माणाधीन प्लाट में आज निगम अमला पहुंचा और वहां कार्यवाही की शुरूआत होती इससे पहले जिम्मेदार अधिकारियों के फोन घनघना उठे जब इन्हें पता चला कि शहर के एक नामचीन बिल्डर्स भू माफिया और जिला कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी रहे भू माफिया से रेत माफिया बने सफेदपोश नेता का यह प्लाट है तो संबंधित अमला सांप और छछुंदर की स्थिति में आ गया न तो ये कार्यवाही कर सकते और न ही जप्ती बना सकते और न ही नोटिस जारी कर सकते जिसे प्रत्यक्षदर्शियो ने बताया कि ये अमला दिखावे के लिए कार्यवाही के लिए पहुंचा था चुंकि क्षेत्र के कुछ जागरूक नागरिको ने इसकी जानकारी दी थी परंतु जब उन्हें उपरोक्त स्थिति पता चली तो आज स्थिति की शहर की यह है कि जहां निगम ने अवैध प्लाटिंग को लेकर बोर्ड लगाया था उस बोर्ड को गायब कर या मोडकर वहां भी दु्रतगति से मकाने दुकाने बना दी गई है। दिखावे की कार्यवही कर कुछ लोक स्वार्थपूर्ती में ेलीन है इसी वजह से शहर के 40 वार्डो में बिना अनुमति से धडल्ले से मकान बन रहे है। साथ ही राहगीरो को नवनिर्माणाधीन मकानो के लिए सामाग्रियो का जमावडा दुख दे रहा है। जब भी कोई राहगीर, मिटटी, गिटटी, रेत को उठाने को लेकर जिम्मेदार को कार्यवाही करने की बात कहते है तो पल्ला झाड देते है जिसमें मिली भगत होने की संभावनाओं को नही नकारा जा सकता। जिले के कलेक्टर ऋतुराज रघुंवशी से जागरूक नागरिको ने बरसात के दिनो में सडक पे फैली निर्माण सामाग्रियो को जप्त कराने का निर्देश देने की अपील की है।


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